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अमेरिका ने नए प्रतिबंध लगाकर शी जिनपिंग के सबसे महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट को बनाया निशाना

अमेरिका ने चाइना कम्यूनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (CCCC) पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही चीन के नेतृत्व वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर भी निशाना साधा है।

China, China BRI, China CCCC, China CCCC Sanctions, CCCC Sanctions, CCCC Sanctions United States- India TV Hindi Image Source : AP FILE BRI चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का महात्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट है जिसका उद्देशय चीन के महान शक्ति के रूप मे उदय में भूमिका निभाना है।

वॉशिंगटन/बीजिंग/नई दिल्ली: अमेरिका ने चाइना कम्यूनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (CCCC) पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही चीन के नेतृत्व वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर भी निशाना साधा है। इससे दुनिया की 2 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच दुश्मनी की एक नई तरह की शुरुआत हो गई है। अमेरिका ने जिस कंपनी पर प्रतिबंध लगाए हैं, वह बीआरआई के निर्माण कार्यो कर अगुवाई करती है, जोकि एक अंतरमहाद्वीपीय संपर्क उपक्रम है। यह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का महात्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट है जिसका उद्देशय चीन के महान शक्ति के रूप मे उदय में भूमिका निभाना है।

CCCC ने कई देशों को कर्ज के जाल में फंसाया
विशाल उद्यम और इसकी सहायक कंपनियां बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जानी जाती हैं, जिनमें विश्व के अत्यधिक रणनीतिक जगहों में बंदरगाह विकास भी शामिल है। यह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के आदेश पर काम करता है। इसने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के इशारे पर कई देशों को कर्ज के जाल में फंसाया है और पर्यावण का नुकसान पहुंचाया है। CCCC तब सुर्खियों में आया था, जब इसकी सहायक कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी (CHEC) ने श्रीलंका में हंबनटोटा में बंदरगाह का निर्माण शुरू किया था।

श्रीलंका को कर्ज में धकेल चुकी है कंपनी
हिंद महासागर में इस मंहगी परियोजना ने श्रीलंका को भारी कर्ज की ओर धकेल दिया। कर्ज नहीं चुका पाने के स्थिति में श्रीलंका ने बंदरगाह को 99 वर्षो के लिए चीन को दे दिया, जो कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का बड़ा मार्ग है। इसके साथ ही श्रीलंका ने चीन को बंदरगाह से सटी 15,000 एकड़ की भूमि भी दे दी। भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में भी, कंपनी का रिकॉर्ड बेदाग नहीं है। एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क टाइम्स ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि सीएचईसी पर सड़क मंत्रालय के एक अधिकारी पर घूस देने का आरोप है।

हथियार की तरह इस्तेमाल करता है चीन
इसके अलावा विश्व बैंक ने 2009 में CCCC को फिलीपिंस में 8 वर्षो तक इसकी प्रोजेक्ट्स पर बोली लगाने से बैन किया था। 2013 के बाद 5 साल में CCCC ने बेल्ट एंड रोड देशों से नए कांट्रैक्ट के तहत 63 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। अमेरिकी विदेशी मंत्री माइक पॉम्पिओ ने CCCC को एक बयान में विस्तारवादी एजेंडे को लागू करने के लिए बीजिंग का एक हथियार बताया है। साथ ही उन्होंने साउथ चाइना सी के आउटपोस्ट पर विनाशकारी निकर्षण के लिए निशाना साधा। चीन के कुल 24 सरकारी उपक्रमों को अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने प्रतिबंधित उपक्रम की सूची में डाल दिया है, जिसमें CCCC भी शामिल है।

पूरी तरह टकराने के मूड में है अमेरिका
बीआरआई पर निशाना साधते हुए पॉम्पिओ ने कहा, ‘शायद यह एक समान सोच वाले देशों के साथ ग्रुप बनाने और लोकतंत्र के नए गठबंधन का समय है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से हमारी स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आज के समय का अभियान है। अमेरिका इस अभियान को आगे बढ़ाने में एकदम सही स्थान पर है, क्योंकि हमारे सिद्धांत हमें यह मौका देते हैं।’ CCCC के जरिए बीआरआई पर निशाना साधने से पहले, वॉशिंगटन ने चीन को ध्यान में रखते हुए इंडो-पेसेफिक में महत्वपूर्ण जगहों पर सैन्य तैनाती को बढ़ाया है। (IANS)

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