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Hindi News विदेश अमेरिका Arun Majumdar: अमेरिका में अहम पद पर फिर एक भारतीय, स्टेनफोर्ड विवि में क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट के डीन बने अरूण मजूमदार

Arun Majumdar: अमेरिका में अहम पद पर फिर एक भारतीय, स्टेनफोर्ड विवि में क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट के डीन बने अरूण मजूमदार

अमेरिका में फिर एक भारतीय ने परचम लहराया है। कई बड़े पदों पर बैठे भारतीयों में एक नाम और जुड़ गया। ये नाम है साइंटिस्ट अरुण मजूमदार।

Arun Mazumdar- India TV Hindi Image Source : PROFILES.STANFORD.EDU Arun Mazumdar

Arun Majumdar: अमेरिका में फिर एक भारतीय ने परचम लहराया है। कई बड़े पदों पर बैठे भारतीयों में एक नाम और जुड़ गया। ये नाम है साइंटिस्ट अरुण मजूमदार। भारतीय मूल के साइंटिस्ट अरुण मजुमदार स्टैनफोर्ड में क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी डिपार्टमेंट के डीन बनने जा रहे हैं। स्टेनफोर्ड डोर स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के मुताबिक यूनिवर्सिटी इतिहास के 70 सालों में पहला ऐसा स्कूल है, जो क्लाइमेट चेंज पर फोकस करेगा। इस डिपार्टमेंट का मकसद क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों का समाधान खोजना होगा। रिपोर्ट्स की मानें तो 1 सितंबर को इसका उद्धघाटन किया जाएगा

15 जून को संभालेंगे पद

मजुमदार 15 जून से स्कूल की कमान संभालेंगे। इसके बाद उनके सामने स्कूल का उद्घाटन कराने के साथ डीन के तौर पर खुद को साबित करने की जिम्मेदारी भी होगी। फिलहाल वो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटैरियल साइंस डिपार्टमेंट के मेंबर हैं। इसके अलावा अरुण प्री-कोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

कोलकाता में जन्म, IIT बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता में जन्मे अरुण ने 1985 में IIT बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया। इसके बाद अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से PHD की। यही नहीं अरुण ने गूगल में वाइस प्रेसिडेंट ऑफ एनर्जी के पद पर भी काम किया।

'धरती हमारे पूर्वजों की विरासत नहीं'

अरुण मजुमदार ने एक बयान में कहा- यूनिवर्सिटी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं। इस स्कूल में हम सिर्फ अपने स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ काम नहीं करेंगे, बल्कि दुनिया के दूसरे ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर एजुकेशन के जरिए लोगों को एक नया नजरिया देंगे। मजुमदार ने आगे कहा- हमें ये धरती पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली। हमें अपने बच्चों को उधार के रूप में इसे सुरक्षित लौटाना होगा। हम सभी लोगों को ऐसा भविष्य बनाना है जहां इंसान और प्रकृति एक साथ रह सकें।

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