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Hindi News विदेश अमेरिका दक्षिण चीन सागर में तनातनी के बीच मिले चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्री, क्या सुधरेंगे द्विपक्षीय संबंध?

दक्षिण चीन सागर में तनातनी के बीच मिले चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्री, क्या सुधरेंगे द्विपक्षीय संबंध?

अमेरिका और चीन के बीच तनातनी जाहिर है। दक्षिण चीन सागर से लेकर इजराइल हमास जंग और रूस यूक्रेन युद्ध तक चीन और अमेरिका के संबंधों में मतभेद हैं। इन सबके बीच चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है।

वांग यी और एंटनी ब्लिंकन ने की मुलाकात।- India TV Hindi Image Source : AP वांग यी और एंटनी ब्लिंकन ने की मुलाकात।

America and China Foreign Ministers Meeting: चीन और अमेरिका में तनातनी बढ़ गई है। ताजा मामला दक्षिण चीन सागर का है। यहां चीनी फाइटर जेट अमेरिकी बमवर्षक विमान के इतने करीब आ गया कि अमेरिकी विमान टकराते टकराते बचा। अमेरिकी सेना ने इस बात की पुष्टि की है। दोनों देशों की तनातनी के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी अमेरिका की यात्रा पर पहुंच गए। वहां उन्होंने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन और शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।

वार्ता से तैयार होगा जिनपिंग और बाइडेन की बातचीत का खाका

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से गुरुवार दोपहर को मुलाकात की। उनके अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई अहम अमेरिकी नेताओं एवं अधिकारियों से मिलने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि यह यात्रा बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शिखर वार्ता का आधार बनकर अमेरिका और चीन के संबंधों को स्थिर करने में मददगार हो सकती है।

जानिए चीन के विदेश मंत्री को क्या सलाह देगा अमेरिका?

वांग यी ने अमेरिका पहुंचने के कुछ ही देर बाद ब्लिंकन से मुलाकात की। उन्होंने बंद कमरे में बैठक करने से पहले कहा कि चीन ‘संबंधों को यथाशीघ्र स्वस्थ, स्थिर और सतत विकास के पथ पर वापस लाने के लिए’ सर्वसम्मति बनाने और सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करेगा। अमेरिकी अधिकारियों ने बैठक से पहले कहा कि वे वांग यी के समक्ष इस बात पर जोर देंगे कि अगर चीन एक प्रमुख जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनना चाहता है तो वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका बढ़ाए।

इजराइल हमास जंग पर चीन की चुप्पी से निराश है अमेरिका

अमेरिका यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को समर्थन देने और इजराइल-हमास युद्ध को लेकर चुप्पी साधने के कारण चीन से निराश है। इसके अलावा दुनिया के दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बीच मानवाधिकार, जलवायु परिवर्तन, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और उत्तर कोरिया जैसे मुद्दों को लेकर भी टकराव है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान पर चीन का काफी प्रभाव है। ईरान हमास का एक प्रमुख समर्थक है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने वांग यी और ब्लिंकन की बैठक के बाद कहा कि दोनों नेताओं ने ‘मतभेद के क्षेत्रों’ और ‘सहयोग के क्षेत्रों’ पर बात की। उसने कहा कि ब्लिंकन ने ‘दोहराया कि अमेरिका अपने और अपने सहयोगियों के हितों एवं मूल्यों के लिए खड़ा रहेगा।’ वांग के शुक्रवार को ब्लिंकन के फिर से मुलाकात करने की संभावना है।

चीनी विदेश मंत्री का बाइडेन से मुलाकात पर असमंजस

इसके अलावा वह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी संभवत: मिलेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इन बैठकों में ब्लिंकन और सुलिवन चीन से इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्धों में रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह करेंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वांग बाइडन से मुलाकात करेंगे। ब्लिंकन ने जून में चीन की यात्रा के दौरान चिनफिंग से मुलाकात की थी, इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वांग यी भी बाइडन से मिलेंगे।

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