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NASA Jacket: इस जैकेट का कीमत है 22 करोड़, जाने क्या है राज

न्यूयॉर्क में एक निलामी कार्यक्रम का आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में अपोलो से जुड़ी जैकेट की निलामी की गई है। जैकेट का दाम सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, रिकॉर्ड तोड़ निलामी जैकेट का दाम लगभग 22 करोड़ लगा है।

Buzz Aldrin's jacket- India TV Hindi Image Source : INDIA TV जब जैकेट को नीलामी के दौरान पेश किया गया था, तो कई इच्छुक उम्मीदवारों ने इसके लिए अपनी बोली लगाई लेकिन अंततः, फोन पर एक बोली लगाने वाले ने जीत हासिल की

Highlights

  • जैकेट का दाम लगभग 22 करोड़ है
  • खरीदने वाले ने जैकेट फोन के माध्यम से खरीद लिया
  • ये जैकेट नाशा की पहचान है

NASA JACKET: न्यूयॉर्क में एक निलामी कार्यक्रम का आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में अपोलो से जुड़ी जैकेट की निलामी की गई है। जैकेट का दाम सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, रिकॉर्ड तोड़ निलामी जैकेट का दाम लगभग 22 करोड़ लगा है। इस जैकेट को खरीदने के लिए कई अमीर लोग पहुंचे थे। जब जैकेट को नीलामी के दौरान पेश किया गया था, तो कई इच्छुक उम्मीदवारों ने इसके लिए अपनी बोली लगाई लेकिन अंततः, फोन पर एक बोली लगाने वाले ने जीत हासिल की। प्रतिष्ठित जैकेट खरीदने वाले ने जैकेट फोन के माध्यम से खरीद लिया। आयोजनकर्ता ने बताया कि ये एक ऐतिहासिक बोली थी जो लगभग 10 मिनट तक चली। इस अपोलो 11 जैकेट को नीलामी में अब तक की सबसे मूल्यवान अमेरिकी अंतरिक्ष-उड़ान में यादगार बना दिया। इस जैकेट के बिकने के बाद हर जगह चर्चा का विषय बना है।

इस जैकेट का इतना दाम क्यों

अब ये जानना चाहेंगे कि इस जैकेट का दाम इतना क्यों है, तो चलिए इस जैकेट से जुड़े हर जवाब हम आपको बताएंगे ये जैकेट नाशा का पहचान है और अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के प्रतीक के रुप में है। इस जैकेट के ऊपर बाएं स्तन पर एल्ड्रिन का नाम का टैग और बाएं कंधे पर अमेरिकी ध्वज है। ये जैकेट एक आग प्रतिरोधी सामग्री से बना है जिसे बीटा क्लॉथ के रूप में जाना जाता है जिसे 1967 में अपोलो 1 में सवार तीन अंतरिक्ष यात्रियों की आग के जवाब में स्पेससूट में शामिल किया गया था। ये जैकेट अपने आप में खास है.

अपोलो 11 मिशन क्या था?

नासा का अपोलो11 एक महत्वपूर्ण अतरिंक्ष मिशन था। इस मिशन के जरिए पहली बार धरती से कोई मानव चांद पर गया था। इस मिशन के अहम किरदार में अतरिंक्ष वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज़ एल्ड्रिन थे। ये मिशन 22 जुलाई 1969 सफल हुआ था और इसी दिन मानव इतिहास में किसी ने चांद पर कदम रखा था। ये दुनिया के लिए एक बड़ी उपलब्धी थी। अपोलो11 एक अतंरिक्ष यान था जिसके जरिए दोनों वैज्ञानिक गए थे। यान से नीचे सबसे पहला कदम नील आर्मस्ट्रांग ने रखा था ऐसा कहा जाता है कि नील और एडविन ने चांद के सतह पर 21 घंटे से अधिक बिताएं थे। नील आर्मस्ट्रांग पेशे एक अतंरिक्ष वैज्ञानिक थे जो कि कई वर्ष नासा के लिए काम किया था। एडविन बज़ एल्ड्रिन एक लड़ाकु फाइटर थे साथ ही साथ अतंरिक्ष में काफी रूची रखते थे।

नासा क्या है?

नासा(National Aeronautics and Space Administration) अमेरिका का एक सरकारी अतिंरक्ष संस्थान है। इसका गठन 1 अक्टूबर 1958 को किया गया था। इसका मुख्यालय अमेरिका के वाशिगंटन में है। इस जगह से अमेरिका अतंरिक्ष, चांद, तारे यानी पूरे ब्रामांड पर नजर रखता है। नासा का प्रयास हमेसा रहता है कि पूरी दुनिया उसे कोई टक्कर ना दे सकें। इसमें नासा कई बार सफल भी हुआ है। नासा ने ऐसे कई अतंरिक्ष में सैटेलाइट छोड़े हैं जो कि आज मानव जीवन को काफी हदतक आसान कर दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी इस संस्थान में कई भारतीय है जो कि कई वर्षों से काम करते आ रहे हैं

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