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अमेरिका में राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी, सांसदी जाने पर कही ये बात

कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटी के बाद वॉशिंगटन में राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनकी संसद की सदस्यता छीनी गई।

अमेरिका में राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी, सांसदी जाने पर कही ये बात- India TV Hindi Image Source : TWITTER अमेरिका में राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी, सांसदी जाने पर कही ये बात

Rahul Gandhi in Washington: अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी लगातार भारत की संवैधानिक संस्थाओं की आलोचना में व्यस्त हैं। 10 दिन के अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने संसद की नई बिल्डिंग को लेकर तो विवादित बयान दिया है। साथ ही अपनी सदस्यता को लेकर भी बातों को घुमाते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं। कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटी के बाद वॉशिंगटन में राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनकी संसद की सदस्यता छीनी गई। विपक्ष की एकता और केजरीवाल की अध्यादेश के खिलाफ मुहिम के सवाल पर राहुल ने कहा कि इस पर पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है और जल्द ही फैसला हो जाएगा। राहुल ने फिर कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया है। एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने केरल की मुस्लिम लीग पार्टी को क्लीन चिट दे दी।

राहुल गांधी ने कहा कि 'मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है उनके बारे में गैर धर्म निरपेक्षता कुछ नहीं है।'अमेरिका में राहुल गांधी जहां भी जा रहे हैं, जिस भी शहर में पहुंच रहे हैं, उनका टारगेट एक ही है भारत की आलोचना और मोदी का विरोध। यहां तक कि कई सवालों के जवाब में भी राहुल यही बोल देते हैं कि इन सवालों के जवाब आप पीएम मोदी से लीजिए। पहले सैन फ्रांसिस्को, फिर कैलिफोर्निया और अब वॉशिंगटन। राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर वार कर रहे हैं। भारत के सिस्टम से लेकर संवैधानिक संस्थाओं तक पर सवाल उठा रहे हैं। पिछले चार दिनों में राहुल गांधी ने कई बड़ी बातें कही हैं, जैसे कि 'संसद की सदस्यता छीनी गई, बोलने की आज़ादी छीनी, संवैधानिक संस्थाएं नाकाम, फोन टैपिंग की गई, विपक्ष को खत्म किया।'

विपक्ष की एकता मज़बूत : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी संसद की सदस्यता सरकार के दबाव में छीनी गई। उनकी बोलने की आजादी को खत्म किया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाएं अपना काम नहीं कर रही हैं, .उनकी फोन टैपिंग की जा रही है। अपने ही आरोपों में अंतर्विरोध जताते हुए उन्होंने एक तरफ तो ये कह दिया कि विपक्ष को खत्म किया जा रहा है। साथ ही ये भी बता दिया कि विपक्षी एकता मज़बूत हो रही है। 

भारत में विपक्ष कितना एकजुट है और कांग्रेस अध्यादेश के मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन क्यों नहीं कर रही। राहुल गांधी ने कहा कि 'ये पार्टी के अंदर की चर्चा है जो चल रही है। विपक्ष अच्छी तरह से एकजुट है और मुझे लगता है कि एकता और मज़बूत हो रही है। हम पूरे विपक्ष के साथ बात कर रहे हैं। वहां बहुत अच्छा काम हो रहा है। ये एक जटिल बहस है क्योंकि कई जगह पर हम एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, इसलिये समझौते की ज़रूरत है। मुझे विश्वास है कि ये होगा।'

'एकजुट विपक्ष बीजेपी को हरा देगा', बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी लगातार विपक्षी एकता की बात तो कर रहे हैं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वो किसी दूसरी पार्टी का नेतृत्व स्वीकर करेंगे तो राहुल ने जवाब मल्लिकार्जुन खरगे पर टाल दिया। राहुल गांधी ने जब पूछा गया कि अगर कांग्रेस विपक्ष का नेतृत्व नहीं करती है तो क्या वो इसका हिस्सा बनी रहेगी? इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि 'ये सवाल कांग्रेस अध्यक्ष से पूछे जाने चाहिए क्योंकि वही फैसला लेते हैं। मुझे लगता है कि कांग्रेस अगले चुनाव में बहुत अच्छा करेगी, लोगों को चौंका देगी। क्योंकि एक छिपी हुई लहर पैदा हो रही है, हम लोगों को चौंका देंगे। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि नरेन्द्र मोदी ये चुनाव पूरी तरह से जीत रहे हैं, ये उतना आसान नहीं है जितना लोग सोच रहे हैं। अगर आप गणना करें तो एकजुट विपक्ष बीजेपी को हरा देगा। 

मोदी की लोकप्रियता पर पूछे गए सवाल पर सकपका गए राहुल

राहुल गांधी वॉशिंगटन में बैठ कर नरेन्द्र मोदी को हराने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली से वॉशिंगटन तक अमेरिका का मीडिया भी जानता है कि पीएम मोदी कितने पॉपुलर हैं और जब मोदी की इसी पॉपुलरिटी पर राहुल से सवाल दागा गया तो वो सकपका गए। उनसे पूछा गया कि दुनियाभर में मोदी की बहुत लोकप्रियता है। आपको क्या लगता है भारत के लोग मोदी सरकार का समर्थन क्यों करते हैं?

राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि 'देश में संस्थाओं पर कब्ज़ा किया गया है। प्रेस पर कब्ज़ा किया गया है। मैं जो भी सुनता हूं उस पर विश्वास नहीं करता। मैं पूरे भारत में घूमा हूं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक घूमा हूं। लाखों भारतीयों से सीधे बात की है। मुझे वो लोग खुश नहीं लगे और वो बेरोज़गारी, महंगाई से बहुत नाखुश लगे। लोगों में गुस्सा था। कर्नाटक चुनाव को देखिए। और तीन चार राज्यों के चुनाव का इंतज़ार कीजिए। उससे पता चलेगा कि क्या होने वाला है।

'मुझे मानहानि की अधिकतम सजा मिली, मेरी सांसदी चली गई'

इससे पहले कैलिफोर्निया की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी राहुल ने कहा था कि उनकी पार्लियामेंट की मेंबरशिप गई नहीं बल्कि ले ली गई। मैंने सुना कि मेरा परिचय कराया गया कि मैं अभी कुछ दिनों पहले तक संसद का सदस्य था। मुझे लगता है कि 2004 में जब मैंने राजनीति शुरू की थी, तो मैंने सोचा भी नहीं था कि आज हमारे देश में जो हो रहा है, वैसा होगा। ये तो मेरी कल्पना से भी परे था। मैं पहला शख़्स हूं जिसे मानहानि के मामले में अधिकतम सज़ा दी गई, जिसके बाद मेरी संसद सदस्यता ख़त्म कर दी गई। मैंने कल्पना नहीं की थी कि ऐसा होना भी मुमकिन है।

सेंगोल को दंडवत प्रणाम करने पर राहुल ने पीएम मोदी के लिए कही ये बात

राहुल ने अमेरिका की जमीन पर फिर पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाया। संसद में सेंगोल की स्थापना के वक्त पीएम मोदी ने दंडवत प्रणाम किया था। राहुल ने पीएम मोदी के दंडवत होने का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि 'वो किसी के सामने दंडवत नहीं होते। मेरे ख़याल में संसद भवन में ये ध्यान भटकाने के लिए है। भारत में असल मुद्दा बेरोजगारी,महंगाई, बढ़ता ग़ुस्सा और नफ़रत, ढहती शिक्षा व्यवस्था, महंगी होते इलाज और पढ़ाई जैसे विषय, ये असली मुद्दे हैं। बीजेपी इन मुद्दों पर बात नहीं कर सकती इसीलिए वो सेंगोल जैसे तमाशे करती है।' हालांकि राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने हमला बोला है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने तो हमला किया है। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के उन वीडियोज़ की बाढ़ आ गई जिसमें वो चुनाव के मौके पर अलग अलग मंदिरों में गए और दंडवत प्रणाम किया।

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