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Hindi News विदेश अमेरिका सबसे ताकतवर दुश्मनों का सीना छलनी करेंगी लंबी दूरी की मारक तोपें, भारत और अमेरिका मिलकर बनाने जा रहे कई खतरनाक हथियार

सबसे ताकतवर दुश्मनों का सीना छलनी करेंगी लंबी दूरी की मारक तोपें, भारत और अमेरिका मिलकर बनाने जा रहे कई खतरनाक हथियार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ही दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। इसके तहत भारत और अमेरिका मिलकर कई खतरनाक युद्धक हथियार बनाने पर सहमत हुए हैं। दोनों देश एक दूसरे को अपनी प्रौद्योगिकी भी साझा करेंगे।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ही दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। इसके तहत भारत और अमेरिका मिलकर कई खतरनाक युद्धक हथियार बनाने पर सहमत हुए हैं। दोनों देश एक दूसरे को अपनी प्रौद्योगिकी भी साझा करेंगे। पीएम मोदी की प्रस्तावित अमेरिका यात्रा के मद्देनजर दोनों देशों के अधिकारियों ने ‘महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर पहल’ (आईसीईटी) के तहत जेट इंजन के साथ लंबी दूरी तक मारक क्षमता वाली तोपों व इंफेंट्री वाहनों का साथ में मिलकर उत्पादन करने पर चर्चा की है। यह जानकर चीन जैसे दुश्मनों के होश फाख्ते हो गए हैं। भारत और अमेरिका द्वारा निर्मित ये लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली तोपें दूर से ही ताकतवर से ताकतवर दुश्मनों का सीना मिनटों में छलनी कर देंगी। वहीं जेट इंजन की रफ्तार दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेगी जो उसे संभलने तक का मौका नहीं देगी।

जो बाइडन और पीएम मोदी के निर्देश पर शुरू हुई पहल

उल्लेखनीय है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अमेरिका के उनके समकक्ष जैक सुलिवन ने इस साल की शुरुआत में आईसीईटी की शुरुआत की थी। यह पहल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर शुरू की गई है, जिन्होंने मई 2022 में टोकियो में अपनी बैठक के बाद दोनों देशों की सरकारों, उद्योगों और अकादमिक संस्थानों के बीच सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी व रक्षा औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने की घोषणा की थी। भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने के साथ पेंटागन में हुई बैठक में अमेरिका की उप रक्षा मंत्री कैथलीन हिक्स ने आईसीईटी के तहत जेट इंजन, लंबी दूरी की क्षमता वाली तोपों और इंफेंट्री वाहनों के सह-उत्पादन के प्रस्तावों को दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र के बीच संबंधों के मजबूत करने का ‘‘अभूतपूर्व अवसर’’ बताया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए भारत-अमेरिका का बड़ा कदम

भारत और अमेरिका के इस कदम को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दृष्टि से इसे बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता एरिक पैहोन ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने और संचालनात्मक साझेदारी बढ़ाने समेत अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी मजबूत करने की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। पैहोन ने बताया कि हिक्स ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अहम अमेरिका-भारत साझेदारी की महत्ता पर जोर दिया। भारत के आधुनिकीकरण के उद्देश्यों के लिए अमेरिका के सहयोग को दोहराते हुए हिक्स और अरमाने ने जून में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले इंडस-एक्स नामक पहल के प्रस्तावित आरंभ का भी स्वागत किया। इससे एक दिन पहले दोनों अधिकारियों ने अमेरिका-भारत रक्षा नीति समूह की 17वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की।

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