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Hindi News विदेश अमेरिका Oldest Galaxy of Universe: क्या वेब टेलीस्कोप ने यूनिवर्स की सबसे पुरानी गैलेक्सी ढूंढी? यहां जानिए विशेषज्ञों का क्या कहना है

Oldest Galaxy of Universe: क्या वेब टेलीस्कोप ने यूनिवर्स की सबसे पुरानी गैलेक्सी ढूंढी? यहां जानिए विशेषज्ञों का क्या कहना है

वैज्ञानिक का कहना है कि जिस गैलेक्सी की खोज की गई है, वह 13.5 बिलियन साल पहले मौजूद थी। इसका मतलब है कि जिस भी चीज की यूनिवर्स में पहचान की गई है, यह उससे लगभग 100 मिलियन साल पहले की है।

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Highlights

  • गैलेक्सी का नाम GLASS-z13 रखा गया है
  • वैज्ञानिकों को दुनिया की सबसे पुरानी गैलेक्सी मिली
  • अतीत को दिखा रहा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

Oldest Galaxy of Universe: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने हाल में ही जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से ली गईं पहली पूरी तरह रंगीन और हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें जारी की हैं। ये तस्वीरें इस बात के बारे में भी बताती है कि आखिर इंसान कितना कुछ करने में सक्षम है। नासा ने इन तस्वीरों के जरिए हमारे यूनिवर्स के विकास की जानकारी दी है। नासा ने कई बिलियन साल पीछे जाकर इतिहास का वो नजारा आज इस पूरी दुनिया को दिखाया है। अब विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रहे हैं। इस मामले में ताजा जानकारी ये है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के डाटा का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिक ने बुधवार को कहा कि टेलीस्कोप ने एक गैलेक्सी की खोज की है।

वैज्ञानिक का कहना है कि जिस गैलेक्सी की खोज की गई है, वह 13.5 बिलियन साल पहले मौजूद थी। हार्वर्ड सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के रोहन नायडू ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा है कि जिन सितारों के एकत्रिकरण को GLASS-z13 नाम दिया गया है, वह एक गैलेक्सी है। वो भी कोई नई नहीं बल्कि बिग बैंग के बाद 300 मिलियन साल पहले की है। इसका मतलब है कि जिस भी चीज की यूनिवर्स में पहचान की गई है, यह उससे लगभग 100 मिलियन साल पहले की है। इससे पहले सबसे पुरानी गैलेक्सी GN-Z11 को बताया गया था। जिसकी खोज हबल स्पेस टेलीस्कोप ने की है। एएफपी ने नायडू के हवाले से बताया है, 'हम संभावित रूप से सबसे अधिक दूरी पर स्थित स्टारलाइट को देख रहे हैं, जिसे किसी ने भी कभी नहीं देखा है।'
 
यूनिवर्स में बीता वक्त दिखा रहीं तस्वीर

नए वैज्ञानिक से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हमें बेहद दूर की गैलेक्सी के लिए दो बहुत ही आकर्षक चीजें मिली हैं। अगर ये गैलेक्सी उतनी ही दूरी पर हैं, जितनी हमें लग रही हैं, तो ऐसा कह सकते हैं कि उस वक्त तक यूनिवर्स केवल कुछ सैकड़ों मिलियन साल पुराना ही था।' यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि यूनिवर्स में मौजूद चीज हमसे जितनी दूरी पर मौजूद होगी, उसकी लाइट भी हम तक पहुंचने में उतना ही समय लगाएगी। तो ऐसे में अगर हम यूनिवर्स के बीते वक्त को देखने की बात करते हैं, तो इसका मतलब है कि हम गहरे अतीत की तरफ देखने की बात कर रहे हैं। 

शुरुआती युग में मौजूद थी GLASS-z13 

GLASS-z13 गैलेक्सी यूनिवर्स के शुरुआती युग में मौजूद थी। इसकी वास्तविक उम्र क्या है, इस बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह शुरुआती 300 मिलियन साल के बीच किसी भी समय बनी होगी। यहां यह समझने वाली बात है कि GLASS-z13 को ऑर्बिटिंग ऑब्जरवेटरी के मुख्य इन्फ्रारेड इमेजर के डाटा में देखा गया है, जिसे NIRcam कहा जाता है। हालांकि इस खोज के बारे में बीते हफ्ते तब जानकारी नहीं दी गई, जब नासा ने तस्वीरों के पहले सेट को जारी किया था। जब इन्फ्रारेड को विजिबल स्पेक्ट्रम में बदला जाता है, तब गैलेक्सी अपने केंद्र में सफेद के साथ लाल रंग के एक बिंदु के रूप में दिखाई देती है।

कैसे बनाई जाती हैं अद्भुत तस्वीरें?

अब बात करते हैं, इस पूरे विज्ञान की। डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के गेब्रियल ब्रैमर ने JWST यानी जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किए गए डाटासेट को डाउनलोड किया। जहां हबल टेलीस्कोप ने विजिबल स्पेक्ट्रम में यूनिवर्स की तस्वीरों को कैप्चर करने पर ध्यान केंद्रित किया है, तो वहीं जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप मुख्य रूप से इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम में तस्वीरों को कैप्चर करता है। मानव आंखें स्वाभाविक रूप से इन्फ्रारेड लाइट को नहीं देख सकती हैं। अब इस तस्वीर को बनाने के लिए ब्रैमर ने इन्फ्रारेड का डाटासेट लिया और इसे विजिबल लाइट (लाल-हरी-नीली) में बदल दिया। इसके बाद तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया जाता है। जिसके बाद अंतरिक्ष की ये तस्वीरें बनती हैं।

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