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Hindi News विदेश अमेरिका अंतरिक्ष से स्टेरॉइड लेकर धरती पर आ रहे स्पेसक्रॉफ्ट की 46.6 लाख किलोमीटर दूर से ली गई तस्वीर, खुलेगा जीवन का बड़ा राज!

अंतरिक्ष से स्टेरॉइड लेकर धरती पर आ रहे स्पेसक्रॉफ्ट की 46.6 लाख किलोमीटर दूर से ली गई तस्वीर, खुलेगा जीवन का बड़ा राज!

नासा के स्पेसक्रॉफ्ट को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अंतरिक्ष में लाखों किलोमीटर दूर से स्टेरॉइड का नमूना लेकर अमेरिकी स्पेसक्रॉफ्ट धरती पर लौट रहा है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने इसकी दुर्लभ तस्वीर ली है। 24 सितंब को इसके पृथ्वी पर पहुंचने की संभावना है। इससे जीवन के बड़े राज खुल सकते हैं।

46.6 लाख किलोमीटर दूर से टेलीस्कोप द्वारा ली गई नासा के स्पेसक्रॉफ्ट की तस्वीर। - India TV Hindi Image Source : SAPCE.COM 46.6 लाख किलोमीटर दूर से टेलीस्कोप द्वारा ली गई नासा के स्पेसक्रॉफ्ट की तस्वीर।

कैनरी द्वीप समूह स्थित यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के ऑप्टिकल ग्राउंड स्टेशन टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष से स्टेरॉइड का नमूना लेकर लौट रहे नासा के स्पेसक्रॉफ्ट का 46.6 लाख किलोमीटर दूर से दुर्लभ तस्वीर ली है। यह स्पेसक्रॉफ्ट पृथ्वी पर लौट रहा है। टेलीस्कोप ने NASA के OSIRIS-REx  ने इसके साथ यह प्रमाणित कर दिया है कि वह स्टेरॉइड के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौट रहा है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कहा कि स्टेरॉइड के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौट रहे नासा के OSIRIS-REx का हमें पहला दृश्य मिला है।

ईएसए के ऑप्टिकल ग्राउंड स्टेशन टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष यान के कैप्सूल नुमा नमूने के साथ यूटा रेगिस्तान में उतरने के आठ दिन पहले 16 सितंबर को यह पिक्सलयुक्त तस्वीर खींची है। इसे देखकर हर कोई हतप्रभ है। पृथ्वी से 46.6 लाख किलोमीटर दूर इस स्पेसक्रॉप्ट की तस्वीर लेना इस 3.3 फुट चौड़े (1 मीटर) स्कोप के लिए वाकई एक बड़ी उपलब्धि थी। वैसे इस स्कोप को मूल रूप से अंतरिक्ष कबाड़ को ट्रैक करने और लेजर-संचार तकनीक का परीक्षण करने के लिए बनाया गया है।

Image Source : space.com46.6 लाख किलोमीटर दूर से टेलीस्कोप द्वारा ली गई नासा के स्पेसक्रॉफ्ट के साथ आ रहे स्टेरॉइड की तस्वीर।

टेलीस्कोप में स्पेसक्रॉफ्ट के 36 सेकेंड का एक्सपोजर

ईएसए अधिकारियों ने 21 सितंबर को एक बयान में लिखा, "यह छवि 90 व्यक्तिगत छवियों का एक संयोजन है। इनमें से प्रत्येक का एक्सपोज़र 36-सेकंड है।" उन्होंने कहा, "उन्हें इस तरह से संयोजित किया गया है जो एक सीधी रेखा में नहीं चलने वाले अंतरिक्ष यान की गति को ध्यान में रखता है। इस वजह से ऐसा प्रतीत होता है कि पृष्ठभूमि में फैले तारे मुड़ रहे हैं।" OSIRIS-REx को सितंबर 2016 में पृथ्वी के निकट स्टेरॉइड बेन्नु से एक बड़ा नमूना लेने और इसे पृथ्वी पर वापस लाने के मिशन पर लॉन्च किया गया था। OSIRIS-REx प्रोब ने अक्टूबर 2020 में अंतरिक्ष की चट्टान से लगभग 8.8 औंस (250 ग्राम) सामग्री ली और सात महीने बाद अपने गृह ग्रह की ओर वापस यात्रा शुरू की। वह यात्रा लगभग ख़त्म हो चुकी है।

24 सितंबर को जारी हो सकता है नमूना

स्पेस एजेंसी ने बताया है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो OSIRIS-REx रविवार 24 सितंबर को सुबह 6:42 बजे अपना नमूना कैप्सूल जारी करेगा और हार्डवेयर चार घंटे से अधिक समय बाद पैराशूट के नीचे धीरे से टच करेगा। फिर नमूने को ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ले जाया जाएगा, जो सामग्री को क्यूरेट करेगा और दुनिया भर के वैज्ञानिकों में इसे शोध के मकसद से बांटा जाएगा। वे शोधकर्ता स्टेरॉइड बजरी का विस्तार से विश्लेषण करेंगे। ताकि सौर मंडल के शुरुआती दिनों के बारे में और अरबों साल पहले पृथ्वी पर जीवन के निर्माण खंड पहुंचाने में बेन्नू जैसे कार्बन-समृद्ध स्टेरॉइड की भूमिका के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। यह सिर्फ नमूना कैप्सूल है जो रविवार को पृथ्वी पर आ रहा है। OSIRIS-REx अंतरिक्ष यान संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह एपोफिस तक उड़ान भरता रहेगा। इसके बाद OSIRIS-REx की जांच 2029 में अंतरिक्ष की दूसरी चट्टान तक पहुंच जाएगी।

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