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रूसी फाइटर जेट ने अमेरिकी ड्रोन क्यों गिराया? दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच हुई टेंशन

ये टक्कर उस वक्त हुई जब अमेरिका का रीपर ड्रोन और रूस के दो सुखोई फाइटर जेट ब्लैक सी के ऊपर इंटरनेश्नल सी बाउंड्री में चक्कर लगा रहे थे। अमेरिका ने दावा किया है कि इस टक्कर में उनका ड्रोन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अमेरिकी सेना का ये भी दावा है कि टक्कर के बाद रूसी फाइटर जेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

रूसी जेट की ब्लैक सी के...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO रूसी जेट की ब्लैक सी के अंतरराष्ट्रीय एयर स्पेस में अमेरिकी ड्रोन से हुई टक्कर। (प्रतिकात्मक तस्वीर)

न्यूयॉर्क: रूस और अमेरिका के तनाव के बीच एक बड़ी खबर आई है जिसके बाद दो महाशक्तियों के बीच टेंशन बढ़ने की आशंका है। अमेरिकी सेना के मुताबिक ब्लैक सी यानि काला सागर के ऊपर एक रूसी जेट और एक अमेरिकी सर्विलांस ड्रोन के बीच टक्कर हुई है। इस टक्कर के बाद अमेरिकी ड्रोन पूरी तरह से नष्ट हो गया। इस घटना पर अमेरिकी सेना के यूरोपीय कमांड ने बयान जारी करके कहा है कि मंगलवार 14 मार्च को ब्लैक सी ऊपर एक रूसी सुखोई -27 लड़ाकू विमान अमेरिकी सर्विलांस एमक्यू-9 रीपर ड्रोन से टकरा गया। ये टक्कर उस वक्त हुई जब अमेरिका का रीपर ड्रोन और रूस के दो सुखोई फाइटर जेट ब्लैक सी के ऊपर इंटरनेश्नल सी बाउंड्री में चक्कर लगा रहे थे।

क्या है ब्लैक सी?
अमेरिका ने दावा किया है कि इस टक्कर में उनका ड्रोन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अमेरिकी सेना का ये भी दावा है कि टक्कर के बाद रूसी फाइटर जेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। दरअसल, ब्लैक सी (Black Sea) ही वो जगह है जहां पर रूस और यूक्रेन की सीमाएं मिलती है। इस जगह पर रूसी फाइटर जेट और अमेरिकी ड्रोन उड़ान भरते रहते हैं। पिछले एक साल से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है उसी वजह से पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है लेकिन इस तरह की घटना पहली बार हुई है।

'जान बूझकर अमेरिकी ड्रोन को टारगेट कर रहा था रूसी फाइटर जेट'
इस पूरी घटना को लेकर पहली जानकारी अमेरिका की तरफ से ही आई है। अमेरिका ने कहा है कि ये घटना तब हुई जब अमेरिका का रीपर ड्रोन और रूस के दो फाइटर जेट सुखोई-27 ब्लैक सी के ऊपर चक्कर लगा रहे थे। अमेरिकी सेना का दावा है कि रूस का एक फाइटर जेट जान बूझकर बार बार अमेरिकी ड्रोन को टारगेट कर रहा था तभी जेट अचानक ड्रोन के सामने आ गया और जेट में से तेल गिरने लगा। अमेरिकी सेना ने ये भी दावा किया है कि टक्कर से पहले कई बार सुखोई फाइटर जेट ने ड्रोन पर तेल गिराया। इस दौरान रूसी जेट ने ड्रोन के प्रोपलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस नुकसान के बाद अमेरिकी सेनाओं को ड्रोन को ब्लैक सी में डुबाने पर मजबूर होना पड़ा।

पेंटागन ने क्या कहा?
अमेरिकी रक्षा और विदेश दोनों विभागों ने इस घटना को लेकर बयान दिया है। पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका का ड्रोन इंटरनेश्नल एयरस्पेस में चक्कर लगा रहा था और जो भी हुआ वो बहुत ही गलत हुआ है। वहीं, विदेश विभाग ने कहा है कि वो इस मामले में रूस की सीनियर अफसरों से बात कर रहे हैं। साथ ही अपने सहयोगी देशों को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एडवर्ड प्राइस ने कहा, ''हमने अपने सहयोगियों और भागीदारों को इस घटना के बारे में जानकारी देने के लिए उच्च स्तर पर बातचीत की है। हमें जो भी पता चल रहा है हम उन्हें बता रहे हैं। आपके सवालों के जवाब में हम यही कहेंगे कि हम इस असुरक्षित, अव्यवसायिक टकराव पर अपनी कड़ी आपत्तियों को व्यक्त करने के लिए फिर से वरिष्ठ स्तर पर सीधे रूस के साथ जुड़ रहे हैं।''

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अमेरिका ने रूसी राजदूत से कड़ी आपत्ति दर्ज की
इस बीच, राजदूत लिन ट्रेसी ने रूसी विदेश मंत्रालय को एक कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा, ''हम वो बात करने की स्थिति में नहीं हैं जो रूसी करना चाहते हैं। हम यह बात करने की स्थिति में नहीं हैं कि उनकी मंशा क्या रही होगी। जो हुआ उस पर हम बात करने की स्थिति में हैं और जो हुआ वह एक रूसी विमान की ओर से एक असुरक्षित और अव्यवसायिक युद्धाभ्यास था, एक ऐसा युद्धाभ्यास जिसमें क्षमता की कमी भी थी जिसके कारण अमेरिकी सेना को इस मानवरहित विमान को नीचे लाने की आवश्यकता पड़ी। यह फिर से रूस की इन कार्रवाइयों का नतीजा है। हम उनके बारे में बता सकते हैं लेकिन उनकी मंशा नहीं बता सकते।''

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