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रूस यूक्रेन जंग को दो साल हो गए, इसे सुलझाने के लिए UN ने क्या किया? भारत ने उठाए सवाल

रूस और यूक्रेन जंग को दो साल हो गए, लेकिन यूएन सुलझाने में बुरी तरह नाकाम रहा है। यूएन सुरक्षा परिषद की इस नाकामी पर भारत ने सवाल उठाए हैं। भारत ने पूछा है कि यूएन जंग रोकने में पूरी तरह निष्प्रभावी क्यों रहा?

युनाइटेड नेशन- India TV Hindi Image Source : FILE युनाइटेड नेशन

Russia Ukraine War and India: रूस और यूक्रेन में जंग के 2 साल हो गए हैं। इसी बीच यूएनएससी की उपयोगिता पर भारत ने सवाल उठाए हैं। भारत ने साफसाफ कहा है कि दोनों देशों में जंग के दो साल हो गए। इन दो सालों में यूएन ने मसला सुलझाने के लिए क्या किया? भारत ने दो टूक कहा कि जंग को रोकने में यूएन पूरी तरह निष्प्रभावी रहा। यूएन से भारत ने सवाल पूछा है कि यूएन निष्प्रभावी क्यों रहा?

मिली जानकारी के अनुसार भारत ने बहुपक्षवाद को प्रभावी बनाने के लिए पुराने ढांचों में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए सवाल किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दो साल से लगातार जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में ‘पूर्णतय: निष्प्रभावी’ क्यों रही। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के दो साल पूरे होने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्ण बैठक में यह सवाल किया। 

'युद्ध का युग नहीं', पीएम मोदी के इस कथन को भारत ने दोहराया

रुचिरा कंबोज ने पीएम मोदी के उस उद्धरण का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान को दोहराया कि यह ‘‘युद्ध का युग’ नहीं है। मोदी ने सितंबर 2022 में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान यह बात कही थी। 

कंबोज ने भारत का पक्ष रखते हुए क्या कहा?

कंबोज ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि दो साल पूरा होने के बाद भी संघर्ष जारी है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सदस्यों को थोड़ा रुककर स्वयं से दो अहम सवाल पूछने चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम किसी संभावित, स्वीकार्य समाधान के करीब हैं? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों है कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, विशेष रूप से इसके प्रमुख अंग-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का जिम्मा दिया गया है? 

'यूक्रेन की स्थिति को लेकर लगातार चिंतित है भारत'

कंबोज ने महासभा में कहा कि भारत यूक्रेन में स्थिति को लेकर लगातार चिंतित है। उन्होंने कहा, ‘हमने लगातार यह रुख अपनाया है कि कोई भी समाधान मानव जीवन की कीमत पर कभी नहीं निकल सकता। शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने शुरू से ही आग्रह किया है कि शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति के रास्ते पर तत्काल वापसी के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

यूएन के वजूद पर भी सवाल उठा चुका है भारत

भारत ने हमेशा रूस और यूक्रेन जंग के बीच शांति की बात कही है। पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से दो साल के दौरान मुलाकात की और दोनों राष्ट्राध्यक्षों से यही बातें कहीं। यही नहीं, भारत हमेशा यूएन की वर्तमान समय में उपयोगिता पर भी सवाल उठाता रहा है। रूस यूक्रेन जंग, इजराइल हमास युद्ध, दक्षिण चीन में चाइना की दादागिरी, अफगानिस्तान के हालात और ऐसे कई मुद्दों पर यूएन कोई भी निर्णय लेने में असफल ही रहा है।

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