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ईरान के साथ व्यापार करना पड़ा महंगा, 3 भारतीय समेत एक दर्जन से अधिक कंपनियों पर लगा बैन

ईरान के साथ व्यारिक संबंध रखने की सजा तीन भारतीय कंपनियों को भुगतनी पड़ी है। अमेरिका ने एक दर्जन से अधिक कंपनियों पर बैन लगाया है जिनमें भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।

जो बाइडन (फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : AP जो बाइडन (फाइल फोटो)

वाशिंगटन: अमेरिका और ईरान के रिश्तों के बीच की तल्खी का असर व्यापार करने वाली कंपनियों को भुगतना पड़ा है। अमेरिका ने ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार एवं मानवरहित यानों की आपूर्ति करने को लेकर एक दर्जन से अधिक कंपनियों, व्यक्तियों एवं जहाजों पर बैन लगा दिया है। अमेरिका के वित्त विभाग ने कहा कि इन कंपनियों, व्यक्तियों एवं जहाजों ने यूक्रेन में रूस द्वारा छेड़ी गई लड़ाई में ईरानी मानवरहित यानों की गुप्त बिक्री में अहम भूमिका निभाई है। 

भारत की इन कंपनियों पर लगा बैन 

सहारा थंडर को मुख्य अग्रणी कंपनी के रूप में पहचाना गया है, जो इन कोशिशों के समर्थन में ईरान की वाणिज्यिक गतिविधियों की देखरेख करती है। सहारा थंडर को मदद पहुंचाने को लेकर भारत की जिन तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वो जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड हैं। अमेरिका के वित्त विभाग ने कहा कि सहारा थंडर विशाल शिपिंग नेटवर्क पर निर्भर है, जो ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय की ओर से चीन, रूस, वेनेजुएला और कई अन्य देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्री और शिपमेंट में शामिल है। 

वित्त विभाग ने क्या कहा?

वित्त विभाग ने कहा, सहारा थंडर ने 2022 से वस्तुओं की कई शिपमेंट का संचालन करने के लिए सीएचईएम का इस्तेमाल किया है। ईरान स्थित अरसंग सेफ ट्रेडिंग कंपनी ने सहारा थंडर से जुड़ी कई शिपमेंट का समर्थन करने के लिए जहाज प्रबंधन की सेवाएं प्रदान की हैं। इसके मुताबिक, ईरान की एशिया मरीन क्राउन एजेंसी ने ईरान के बंदर अब्बास में पोर्ट एजेंट के रूप में काम किया है, जिसने सहारा थंडर की कई शिपमेंट का समर्थन किया है। 

चीन और बेलारूस की कंपनी पर बैन 

हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण मुहैया कराने को लेकर चीन की तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही बेलारूस की भी एक कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया था। अमेरिका के विदेश विभाग की तरफ जानकारी देते हुए कहा गया था कि चीन पर आरोप है कि वह पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद मुहैया करा रहा था। इसलिए चीनी कंपनियों पर बैन लगाने की कार्रवाई की गई है। 

अधितकारी ने कही थी यह बात 

बता दें कि, हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि मैं व्यापक तौर पर यह कहना चाहता हूं कि हम ईरान के साथ कारोबार की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में सजग रहने की सलाह देते हैं। (भाषा)

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