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Hindi News विदेश अमेरिका कहां लापता हो गई पनडुब्बी, चंद घंटों की बची है ऑक्सीजन, ढूंढने में लगी है पूरी दुनिया

कहां लापता हो गई पनडुब्बी, चंद घंटों की बची है ऑक्सीजन, ढूंढने में लगी है पूरी दुनिया

आखिर कहां लापता हो गई है पनडुब्बी। टाइटैनिक का मलबा पर्यटकों को दिखाने के लिए ले जा रही टूरिस्ट सबमरीन का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। अब महज चंद घंटों की आक्सीजन ही पनडुब्बी में शेष रह गई है। इसलिए पूरी दुनिया सर्च में लगी है। एक एक सेकंड काफी अहम है।

कहां लापता हो गई पनडुब्बी, चंद घंटों की बची है ऑक्सीजन, ढूंढने में लगी है पूरी दुनिया- India TV Hindi Image Source : FILE कहां लापता हो गई पनडुब्बी, चंद घंटों की बची है ऑक्सीजन, ढूंढने में लगी है पूरी दुनिया

टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले गई टूरिस्ट सबमरीन का अभी तक कुछ सुराग नहीं लग पाया है। यह पनडुब्बी उत्तरी अटलांटिक समुद्र में लापता हो गई है। इसके बाद से अब तक इसकी गहन जांच के बाद भी कुछ पता नहीं लगा है। कनाडा के एक जहाज ने जरूर कुछ आवाजें पानी के अंदर से सुनी थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। लोगों का कहना है कि क्या पाताल में पहुंच गई यह पनडुब्बी, जो इसे अब तक नहीं ढूंढा जा सका है? चिंता की बात यह है कि इस पनडुब्बी में सिर्फ चंद घंटों की ऑक्सीजन ही बची है। इस पनडुब्बी में 5 लोग सवार हैं जो टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए इस पनडुब्बी से जा रहे थे। 

कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। एक दिन पहले ही खबर आई है कि कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन को समुद्र के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दी हैं। इससे एक उम्मीद जग गई। लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। 

300 मील के दायरे में हो रही जांच, एक एक सेकंड अहम

अमेरिकी तटरक्षकों ने कहा कि 'धमाके की आवाज कहां से आई इसका पता लगाने के लिए मंगलवार को सर्च टीमों ने पानी के नीचे रोबोटिक सर्च ऑपरेशन (आरओवी) चलाया। हालांकि, इसका कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं, तटरक्षकों ने इस बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी है। खोजकर्ता उत्तरी अटलांटिक महासागर में 300 मील के इलाके पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, इसमें हो रही एक-एक सेकंड की देरी पर्यटकों के जान पर भारी पड़ रही है। क्योंकि चंद घंटों की ऑक्सीजन बची है। 

पनडुब्बी को खोजने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

पनडुब्बी को खोजने के लिए एक बहुराष्ट्रीय ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पनडुब्बी पर मौजूद लोगों के पास चंद घंटों की ऑक्सीजन बची है। इसलिए बचाव दल 24 घंटे काम कर रहे हैं। जब यह पनडुब्बी लापता हुई थी, उस समय 96 घंटे की ऑक्सीजन  बची थी। चालक दल के पास राशन भी सीमित था। हालांकि धमाकों की आवाज के बाद लोगों को उम्मीद जगी है कि पनडुब्बी पर मौजूद लोग जिंदा है। हालांकि, विशेषज्ञ उनके स्रोत की पुष्टि नहीं कर पाए हैं। तटरक्षक कप्तान जेमी फ्रेडरिक ने कहा कि आवाजों के बारे में कुछ खास नहीं पता है। लेकिन ये है कि अभी उम्मीद है कि लोगों को बचाया जा सकता है।

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