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मनहूस है टाइटैनिक! ऐतिहासिक जहाज का मलबा दिखाने जा रही टूरिस्ट सबमरीन लापता

​जो टाइटैनिक 1912 में डूब गया था, उसका मलबा अटलांटिक महासागर में पड़ा हुआ है। इसे देखने के लिए पर्यटकों को ले जा रही एक सबमरीन लापता हो गई है। इसे ढूंढने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं।

मनहूस है टाइटैनिक! ऐतिहासिक जहाज का मलबा दिखाने जा रही टूरिस्ट सबमरीन लापता- India TV Hindi Image Source : FILE मनहूस है टाइटैनिक! ऐतिहासिक जहाज का मलबा दिखाने जा रही टूरिस्ट सबमरीन लापता

Submarine Missing: टाइटैनिक जहाज का डूबना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी खबर थी। 1912 में यह जहाज जो कि उस समय दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक जहाज था, वो डूब गया था। इस डूबे टाइटैनिक का मलबा आज भी अटलांटिक महासागर में 3800 मीटर की गहराई में पड़ा हुआ है। लेकिन जहाज तो डूब गया, अब इसके मलबे को दिखाने कि लिए जा रही टूरिस्ट सबमरीन भी उत्तरी अटलांटिक समुद्र में लापता हो गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि वो डूब गई है। हालांकि अभी तक पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल पाया है। 

यह सबमरीन पांच पर्यटकों को बिठाकर ले जा रही थी। टाइटैनिका का मलबा दिखाने के लिए ले जाते समय यह पनडुब्बी लापता हो गई है। इस पनडुब्बी का रविवार से ही कुछ पता नहीं चल पाया है। खोजबीन जारी है। अमेरिकी तटरक्षक बल लगातार इस पनडुब्बी की खोजबीन में जुटे हुए हैं। दिक्कत की बात यह है कि इस पनडुब्बी में अब सिर्फ  72 घंटों की आक्सीजन ही बची है। राहत कार्य रविवार 19 जून तक चला, लेकिन अभी तक इसका कोई पता नहीं चल पाया है।

कंपनी की ओर से किया जाता है पनडुब्बी को ऑपरेट

इस पनडुब्‍बी को ओशिनगेट एक्‍पीडिशंस की तरफ से ऑपरेट किया जाता है। यह कंपनी गहरे समंदर में अभियान आयोजित करने का काम करती है।  टाइटैनिक जहाज सन् 1912 में ग्‍लेशियर से टकराने के बाद डूब गया था। टाइटैनिक जहाज के मलबे को लेकर पर्यटकों में खासी उत्‍सुकता रहती है। वो इसके लिए पेमेंट तक करते हैं और फिर एक छोटी पनडुब्‍बी की मदद से इसके मलबे तक पहुंचते हैं। 

1912 में डूब गया था टाइटैनिक

1912 में डूबे इस ऐतिहासिक टाइटैनिक जहाज का कनाडा के न्‍यूफाउंडलैंड में उत्‍तरी अटलांटिक के तली पर मलबा पड़ा हुआ है। पनडुब्‍बी पर एक पायलट और चार मिशन स्‍पेशलिस्‍ट्स सवार थे।टाइटैनिक पर सवार 2200 लोगों में से करीब 1500 लोगों की मौत हो गई। जहाज साउथहैम्‍पटन से न्यूयॉर्क तक अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ था। ग्‍लेशियर से टकराने के बाद यह दो टुकड़ों में बंट गया और डूब गया था। पनडुब्‍बी केप कोड के पूर्व में 900 मील दूर थी जब इसका संपर्क टूटा। इस टाइटैनिक जहाज के डूबने पर एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म के कारण टाइटैनिक के डूबने की कहानी बाद की जनरेशन को भी पता चली। 

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