मुंबई। गाड़ी खरीदना, लोगों के जीवनभर के कई बड़े सपनों में से एक होता है। लेकिन इसे खरीदना तरकारी-भाजी खरीदने जैसा तो है नहीं, इसलिए अब इसे खरीदने के अंतिम निर्णय में ऑनलाइन सर्च की एक बड़ी भूमिका है, क्योंकि लोग वाहन के तकनीकी पहलुओं को ऑनलाइन जाकर आपस में तुलना करते हैं।
सर्च इंजन गूगल का एक अध्ययन बताता है कि वाहन खरीदने वालों में ऑनलाइन खोज करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। लेकिन लोग जल्दी ब्रांड के बीच अदला-बदली नहीं करते हैं, ऐसे में यह सर्च उनकी खरीद को प्रभावित कम ही करता है।
गूगल ने अपने अध्ययन में 4,000 लोगों से सवाल पूछा जिसमें से 90 प्रतिशत ने माना कि वाहन खरीदने का अंतिम निर्णय लेने से पहले उन्होंने ऑनलाइन सर्च का उपयोग किया। मंगलवार को जारी इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में एक और रोचक बात सामने आई कि वाहन खरीदार जिस ब्रांड को खरीदने का मन बनाते हैं, ऑनलाइन सर्च के बाद भी उनके उस निर्णय में बदलाव बहुत कम होता है। इसका मतलब है कि वाहन खरीदार ब्रांड को लेकर बहुत अडिग रहते हैं।
सर्वेक्षण में शामिल मात्र सात प्रतिशत लोगों ने माना कि ऑनलाइन सर्च के बाद वह अपनी ब्रांड की पसंद बदलते हैं, जबकि 2016 में यही आंकड़ा 11 प्रतिशत था। रिपोर्ट में सामने आया है कि 41 प्रतिशत लोग कंपनियों के रखरखाव कार्यक्रम, 32 प्रतिशत लोग समीक्षाएं और सिफारिश, 37 प्रतिशत लोग स्थानीय डीलरों के पते और 35 प्रतिशत लोग ऑफरों की जानकारियां इकट्ठा करने के लिए भी ऑनलाइन सर्च का उपयोग करते हैं।
वाहनों के ऑनलाइन सर्च के दौरान उनसे जुड़े वीडियो देखने वाले ग्राहकों की संख्या 80 प्रतिशत है और रिपोर्ट में इसकी बड़ी वजह संभवत: देश में इंटरनेट का सस्ता होना बताई गई है। लब्बोलुआब यह है कि लोग गाड़ी खरीदने से पहले कई जानकारियां ऑनलाइन जुटाते हैं, लेकिन खरीदते अपनी पसंद की ही गाड़ी हैं।