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एफसीआई के अधिक उठान से राज्य खरीद एजेंसियों की नकदी हालत बेहतर होने की उम्मीद: इंडिया रेटिंग्स

मुफ्त राशन की योजनाओं से खरीद एजेंसियों का भंडार और देनदारियां कम होने की उम्मीद

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : July 10, 2020 22:31 IST
FCI Procurement- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

FCI Procurement

नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के कोविड-19 संकट से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक खाद्यान्न उठाने के चलते राज्यों की खरीद एजेंसियों (एसपीए) का परिचालनगत नकदी प्रवाह (सीएफओ) चालू वित्त वर्ष में बेहतर होने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने इस संबंध में शुक्रवार को एक रपट जारी की। रपट में कहा गया है कि सरकार द्वारा घोषित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को एफसीआई के माध्यम से चलाया जा रहा है। इसके लिए उसने एसपीए से अधिक खाद्यान्न का उठाव किया है और इसके चलते एसपीए का बिना बिका खाद्यान्न भंडार और देनदारियां कम हुई हैं।

कोविड-19 महामारी और इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार ने गरीबों की परेशानियों को कम करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है। इसी में से एक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना भी है। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आने वाले 80 करोड़ लाभार्थियों को शुरुआती तीन महीनों में प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलोग्राम दाल मुफ्त वितरित किया जाना था, जिसे अब नवंबर-अंत तक बढ़ा दिया गया है। रपट के अनुसार इस तरह की सभी कल्याणकारी योजनाओं के चलते एफसीआई के गोदाम खाली होंगे, जिससे वह अलग-अलग एसपीए से आने वाले नए उत्पादों को अपने पास रखने की तैयारी कर सकेगी।

एसपीए निर्धारित मंडियों से गेहूं और धान की खरीद करते हैं और केंद्रीय पूल में योगदान करने के लिए एफसीआई को इन खाद्यान्नों की आपूर्ति करते हैं। विगत कुछ सालों से एफसीआई के प्रबंधन वाले खाद्यान्नों का स्टॉक, निर्धारित मानदंड की तुलना में काफी अधिक रहा है। एफसीआई के पास एक अप्रैल को चावल और गेहूं का स्टॉक क्रमशः 3.22 करोड़ टन और 2.47 करोड़ टन था। यह निर्धारित भंडारण मानदंडों से क्रमशः 1.36 करोड़ टन और 75 लाख टन अधिक है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केंद्रीय पूल के स्टॉक में पर्याप्त वृद्धि के कारण, एसपीए की नकदी की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। रपट के अनुसार वर्ष 2020-21 में गेहूं और चावल दोनों में रिकॉर्ड फसल की उम्मीद के बावजूद एसपीए के परिचालनगत लाभ की स्थिति सकारात्मक हो सकती है।

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