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जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया: नागरिक उड्डयन सचिव

उत्तर प्रदेश में अनेक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का विकास हो रहा है, जिनमें कुशीनगर हवाई अड्डे का हाल में उद्घाटन हो चुका है और अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण-कार्य चल रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : November 25, 2021 13:06 IST
जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया: नागरिक उड्डयन सचिव- India TV Paisa
Photo:PTI

जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया: नागरिक उड्डयन सचिव

Highlights

  • जेवर एयरपोर्ट बनाने के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
  • यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा।
  • माह में होगा पहले चरण का निर्माण, प्रथम चरण की संचालन अवधि 2023-27 होगी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को दोपहर एक बजे गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) की आधारशिला रखेंगे। इसे लेकर नागर विमानन सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि जेवर एयरपोर्ट बनाने के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा। 36 माह में होगा पहले चरण का निर्माण, प्रथम चरण की संचालन अवधि 2023-27 होगी। इस हवाई अड्डे का विकास संपर्कता बढ़ाने और भविष्य के लिए तैयार विमानन सेक्टर की रचना की दिशा में किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अनेक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का विकास हो रहा है, जिनमें कुशीनगर हवाई अड्डे का हाल में उद्घाटन हो चुका है और अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण-कार्य चल रहा है।

नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा। रणनीतिक नजरिये से नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी। यह एयरपोर्ट उत्तरी भारत के लिये ‘‘लॉजिस्टिक्स का द्वार’’ बनेगा। अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण, यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को भी बदल देगा और दुनिया के सामने प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा तथा राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा।

एयरपोर्ट में ‘‘ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर’’ विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी। पीएमओ ने कहा, ‘‘इस तरह यह एयरपोर्ट सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी विमानतल से जोड़े जायेंगे।’’ इस एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और एयरपोर्ट के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा। 

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