रियाद। सऊदी अरब के बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन मंगलवार को यहां पहले दिन 15 अरब डॉलर से अधिक के 23 निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य देशों के नेता शिरकत करने पहुंचे हैं। 'फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम' बैनर तले हो रहे इस सम्मेलन को 'मरुभूमि में दावोस' कहा जा रहा है। यह सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की पहल है।
युवराज की योजना सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का विविधीकरण करने की है, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों पर उसकी निर्भरता को कम किया जा सके। इसके लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण 2030 योजना तैयार की गई है। सऊदी अरब जनरल इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (एसएजीआईए) ने एक बयान में कहा कि 'सऊदी में निवेश' (इंवेस्ट सऊदी) के तहत रियाद के रिट्ज कार्लटन होटल में सम्मेलन से अलग एक प्रतिबद्ध समारोह में कुल 15 अरब डॉलर मूल्य से अधिक के समझौते हुए। बयान में कहा गया है कि यह समझौते दुनियाभर और में सऊदी अरब की ओर से निवेशकों की दी जाने वाली पेशकश की क्षमता को दिखाते हैं।
एसएजीआईए के गवर्नर इब्राहिम अल-ओमार ने कहा, 'आज यहां जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए वह (हमारी) अर्थव्यवस्था की ताकत और विविधता को दिखाते हैं। सऊदी अरब महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधार कार्यक्रम से गुजर रहा है और दुनिया इसका संज्ञान ले रही है।' विश्वबैंक की इसी महीने जारी हुई कारोबार सुगमता सूची-2020 में सऊदी अरब की रैंकिंग 30 स्थान सुधरी है। उन्होंने कहा, 'संकेत साफ है, सऊदी अरब ना सिर्फ कारोबार के लिए खुला है, बल्कि यह भविष्य की अर्थव्यवस्था है।' इस तीन दिवसीय सम्मेलन में सरकार, उद्योगपति और वित्त पोषक भाग लेंगे।
बैठक में वैश्विक व्यापार और उसकी प्रवृत्ति पर चर्चा के साथ आने वाले दशकों में वैश्विक निवेश परिदृश्य को लेकर अवसर और चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की यात्रा पर सोमवार देर रात रियाद पहुंचे। वह सम्मेलन में 'भारत के लिये आगे क्या?' विषय पर एक सत्र को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने यात्रा पर रवाना होने से पहले नयी दिल्ली में कहा, 'मैं वहां वैश्विक निवेशकों के लिए देश में बढ़ रहे व्यापार और निवेश अवसरों के बारे में बताऊंगा। देश 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है।' सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, 'भारत का युवा हमारी वृद्धि को आगे बढ़ाने वाला है, और यह एक कारण है तो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में खुद से ही शक्ति देगा।' बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार तथा दामाद जेरेड कुशनर भी शामिल होंगे। कुशनर सम्मेलन में अमेरिका के भविष्य पर विशेष सत्र को संबोधित करेंगे।
सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के 6,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला, ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो, नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी, केन्या के राष्ट्रपति यूहुरु केन्याता और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन मंच को संबोधित करेंगे। दुनिया के कई देशों के बैंकर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, निवेश और मनोरंजन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। सऊदी अरब ने पिछले महीने कहा था कि वह भारत में तेल-गैस, पेट्रोरसायन, कृषि, खनिज और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में 100 अरब डालर के निवेश के अवसर तलाश रहा है। 2017-18 में दोनों देशों के बीच 27.48 अरब डॉलर का आपसी व्यापार हुआ था। सऊदी अरब व्यापार में भारत का चौथा सबसे बड़ा भागीदारी है।
मंगलवार को जिन 23 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, उनमें एसएजीआईए और भवन निर्माण में काम आने वाली ढलाई की गयी सामग्री बनाने वाली कंपनी मॉड्यूलर मिडिल ईस्ट के बीच 70 करोड़ डॉलर का एक समझौता शामिल है। चीन की ऑनलाइल खरीदारी कंपनी फॉरडील और एसएजीआईए के बीच 30 करोड़ डॉलर और लंदन की शिलॉह मिनरल्स और एसएजीआईए के बीच 20 करोड़ डॉलर का भी अहम समझौता भी हुआ है।