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केंद्र ने पांच राज्यों को 9,913 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज की अनुमति दी

कर्नाटक के लिये 4,509 करोड़ रुपये, तेलंगाना के लिये 2,508 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के 2,525 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज लेने को मंजूरी दी है। गोवा को 223 करोड़ रुपये और त्रिपुरा को 148 करोड़ रुपये बाजार से कर्ज लेने की मंजूरी दी गयी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : September 24, 2020 23:29 IST
5 राज्यों को अतिरिक्त...- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

5 राज्यों को अतिरिक्त कर्ज की मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्र ने बृहस्पतिवार को पांच राज्यों को खुले बाजार से 9,913 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दे दी। कोविड-19 संकट के कारण राजस्व में कमी के बीच व्यय जरूरतों को पूरा करने के लिये राज्यों को यह अनुमति दी गयी है। ये राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक और त्रिपुरा हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन राज्यों को ‘एक देश एक राशन कार्ड’ व्यवस्था के क्रियान्वयन को लेकर सुधार शर्तों का सफलतापूर्वक पालन करने के बाद यह मंजूरी दी गयी है। वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला व्यय विभाग ने कर्नाटक के लिये 4,509 करोड़ रुपये, तेलंगाना के लिये 2,508 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के 2,525 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज लेने को मंजूरी दी है। गोवा को 223 करोड़ रुपये और त्रिपुरा को 148 करोड़ रुपये बाजार से कर्ज लेने की मंजूरी दी गयी है।

कोविड-19 संकट को देखते हुए केंद्र ने मई में राज्यों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिये सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2 प्रतिशत तक अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी थी। कर्ज की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गयी थी। इसके तहत सभी राज्य कुल मिलाकर 4,27,302 करोड़ रुपये तक जुटा सकते हैं। कुल 2 प्रतिशत में से केवल 0.5 प्रतिशत बिना किसी शर्त के है। उसके बाद राज्यों को राज्य स्तर पर चार सुधारों को लागू करना होगा। इसमें प्रत्येक सुधार के लिये भारांश जीएसडीपी का 0.25 प्रतिशत रखा गया। यानी इसके आधार पर प्रत्येक सुधार के लिये 0.25 प्रतिशत की दर से कर्ज जुटाने की अनुमति होगी। ये चार सुधार हैं एक देश एक राशन कार्ड व्यवस्था, कारोबार सुगमता में सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/ उपयोगी सेवाओं में सुधार तथा वितरण कंपनियों के निजीकरण के जरिये बिजली क्षेत्र में सुधार। शेष एक प्रतिशत कर्ज सीमा दो किस्तों 0.50 प्रतिशत-0.50 प्रतिशत में जारी की जाएगी। पहले किस्त की अनुमति बिना किसी शर्त के सभी राज्यों को तुंरत मिलेगी। वहीं 0.50 प्रतिशत की दूसरे किस्त की अनुमति कम-से-कम उक्त सुधारों में से तीन को लागू करने पर मिलेगी।

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