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फिच ने भारत की रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ अपरिवर्तित रखा

एजेंसी कहा कि सुधार के एजेंडा पर सरकार के आगे बढ़ने और महामारी से पैदा हुआ नकारात्मक असर खत्म होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 16, 2021 23:05 IST
फिच ने भारत की रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ अपरिवर्तित रखा- India TV Paisa
Photo:FILE

फिच ने भारत की रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ अपरिवर्तित रखा

नयी दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई बदलाव न करते हुए इसे नकारात्मक परिदृश्य के साथ 'बीबीबी-' पर कायम रखा है। फिच ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि महामारी से उबरने की तेज रफ्तार और वित्तीय दबावों के शिथिल होने से मध्यम अवधि के वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिम घटे हैं। हालांकि 'बीबीबी-' निवेश श्रेणी की सबसे निचली रेटिंग होती है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रेटिंग मध्यम अवधि के वृद्धि परिदृश्य और बाह्य जुझारू क्षमता के बीच संतुलन को दर्शाती है। 

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अपने मजबूत विदेशी मजबूत भंडार के जरिये भारत ऊंचे सार्वजनिक ऋण और कमजोर वित्तीय क्षेत्र के साथ कुछ संरचनात्मक मुद्दों से निपट पा रहा है। फिच ने कहा, ‘‘हमारा पूर्वानुमान है कि इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। वहीं वर्ष 2022-23 में यह दर 10 प्रतिशत रह सकती है। कोविड महामारी से तेजी से उबरने में भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता से इसे बल मिलता है।’’ 

इसके अलावा फिच ने वर्ष 2023-24 से 2025-26 के दौरान भारत की वृद्धि दर करीब सात प्रतिशत रहने का अनुमान भी जताया। एजेंसी कहा कि सुधार के एजेंडा पर सरकार के आगे बढ़ने और महामारी से पैदा हुआ नकारात्मक असर खत्म होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। हालांकि, वर्ष 2021-22 के लिए भारत का नकारात्मक परिदृश्य सीमित राजकोषीय गुंजाइश को देखते हुए मध्यम अवधि के ऋण पथ को लेकर बनी अनिश्चितता को दिखाता है। 

फिच ने जून, 2020 में भारत के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया था। फिच का कहना है कि आवाजाही संकेतक कोविड-पूर्व स्तर पर लौट आए हैं और उच्च-आवृत्ति के संकेतक विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले महीने एक अन्य रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को कायम रखते हुए उसके परिदृश्य को 'नकारात्मक' से 'स्थिर' कर दिया था।

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