
FM says Will get back all money taken away from banks as pursuing cases of loan defaulters
Highlights
- वित्त मंत्री ने कहा जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जा रहा है
- जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 2014 में सत्ता में आई, बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति चिंता का विषय था
- एनपीए में कमी लाने को लेकर चार आर रणनीति पर काम किया गया
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बैंकों को जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों से पाई-पाई वसूली जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज लौटाने में चूक करने वालों के खिलाफ मामला आगे बढ़ा रही है, चाहे वे भारत में हों या फिर देश के बाहर। सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो कि न केवल प्रधानमंत्री विकास पैकेज बल्कि केंद्र प्रायोजित हर योजना का लाभ केंद्र शासित प्रदेश के लाभार्थियों को मिले। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र में वृद्धि की गति देश के अन्य भागों के अनुरूप हो। उन्होंने नई योजनाएं शुरू किये जाने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने इस मौके पर वित्तीय समावेश और कर्ज सुलभ कराने के कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को लाभ से संबंधित आदेश पत्र सौंपे। सीतारमण ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में विभिन्न कार्यों में पारदर्शी तरीके से तेजी लाने के लिये उदारतापूर्वक अपने सभी संसाधन लगा रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों में अगर कुछ गड़बडी हुई और जो कर्ज लिए गए, उसका भुगतान अबतक नहीं किया गया, मुझे भरोसा है कि हमारी प्रणाली गड़बड़ी करने वालों के साथ-साथ राशि को भी वापस लाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पूरे देश में यह हो रहा है और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जा रहा है।
उन्होंने कहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 2014 में सत्ता में आई, बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) यानी फंसा कर्ज चिंता का विषय था। एनपीए में कमी लाने को लेकर चार ‘आर’ रणनीति पर काम किया गया। इसके तहत ऐसे फंसे कर्ज की पहचान, समाधान, बैंकों में पूंजी डालने और सुधार को आगे बढ़ाने की पहल की गई। इसका सकारात्मक परिणाम भी आया। सीतारमण दो दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर आई हैं। वह कश्मीर से यहां आईं और सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर बैंकों से लिए गए कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ सख्ती से मामले को आगे बढ़ा रही है। चाहे वे चूककर्ता भारत में हों या फिर देश से बाहर, उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया जा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बैंकों का जो कर्ज नहीं लौटाया गया है, उसकी पाई-पाई वसूली जाए। इसके लिए ऐसे चूककर्ताओं की संपत्ति कुर्क की गई है और कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे बेचा या नीलाम किया गया है। इससे जो पैसा आया, उसे बैंकों को दिया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के तेजी, कुशल और पारदर्शी तरीके से विकास को लेकर इस मौके पर मौजूद केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की सराहना भी की।