Friday, April 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. गूगल, फेसबुक जैसी विदेशी डिजिटल कंपनियों को देना होगा भारत में टैक्‍स, बजट में सरकार ने किया ऐसा प्रावधान

गूगल, फेसबुक जैसी विदेशी डिजिटल कंपनियों को देना होगा भारत में टैक्‍स, बजट में सरकार ने किया ऐसा प्रावधान

पूरी दुनिया में भारत पहला ऐसा देश बन सकता है, जो ऐसी डिजिटल कंपनियों पर टैक्‍स लगाएगा, जिनका किसी देश में बड़ा यूजर बेस या बिजनेस है लेकिन उनकी वहां कोई भौतिक उपस्थिति नहीं है।

Abhishek Shrivastava Written by: Abhishek Shrivastava
Published on: February 03, 2018 13:12 IST
digital tax- India TV Paisa
digital tax

नई दिल्‍ली। पूरी दुनिया में भारत पहला ऐसा देश बन सकता है, जो ऐसी डिजिटल कंपनियों पर टैक्‍स लगाएगा, जिनका किसी देश में बड़ा यूजर बेस या बिजनेस है लेकिन उनकी वहां कोई भौतिक उपस्थिति नहीं है। केंद्रीय बजट 2018 में पहली बार यह बताया गया है कि भारत इनकम टैक्‍स कानून की धारा 9 में बदलाव के जरिए डिजिटल कारोबार पर टैक्‍स लगाना चाहता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक यह परिचर्चा ओईसीडी और जी20 बेस इरोजन एंड प्रोफि‍ट शिफ्टिंग (बीईपीएस) का हिस्‍सा है और भारत इस दिशा में कदम उठाने वाला पहला देश है। डिजिटल टैक्‍स न केवल गूगल, फेसबुक या नेटफ्लिक्‍स जैसी बड़ी कंपनियों पर असर डालेगा, बल्कि बहुत सारी छोटी टेक्‍नोलॉजी या इंटरनेट से चलने वाली कंपनियों को भी प्रभावित करेगा, जिनका भारत में ऑपरेशन है।

अशोक माहेश्‍वरी एंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर अमित माहेश्‍वरी कहते हैं कि डिजिटल कंपनियों के पास ऑपरेशन का एक अनूठा मॉडल है, जहां उन्‍हें भारत में राजस्‍व कमाने के लिए भौतिक उपस्थिति की जरूरत नहीं है। माहेश्‍वरी ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस शुरू करना जरूरी है क्‍योंकि भारत बहुत सी इंटरनेट कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार बनने वाला है। भारत में स्‍मार्टफोन और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्‍या बहुत अधिक है।

बजट भाषण में कहा गया है कि सरकार इनकम टैक्‍स कानून की धारा 9 में संशोधन करेगी और भारत में सिग्‍नीफि‍केंट इकोनॉमिक प्रेजेंस के लिए टैक्‍स कानून बनाएगी। इसमें कहा गया है कि सिग्‍नीफि‍केंट इकोनॉमिक प्रेजेंस में भारत में डाटा या सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करना या यूजर्स की निर्धारित संख्‍या के साथ संपर्क करना शामिल हो सकता है। सरकार अंतिम नियम बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों के साथ चर्चा करेगी।  

एक बड़ी टेक्‍नोलॉजी कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कुछ कंपनियां टैक्‍स चुकाने से बचना नहीं चाहती हैं लेकिन सरकार को एक ऐसा फॉर्मूला बनाना चाहिए जो सभी के लिए काम करे। इनकम टैक्‍स कानून में संशोधन से सरकार को व्‍यापार समझौतों पर दोबारा बातचीत करने की क्षमता मिलेगी, जिसके बाद ही कंपनियां भारत में टैक्‍स का भुगतान शुरू करेंगी।  

इंटनरेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के अध्‍यक्ष सुभो रे ने कहा कि हमारी केवल एक ही मांग है कि यहां टैक्‍सेशन के अंतरराष्‍ट्रीय कानून की शर्तों में एकरूपता होनी चाहिए, क्‍योंकि यहां कई वैश्विक कंपनियां भारत में परिचालन कर रही हैं और भारतीय टेक्‍नोलॉजी कंपनियां भी पूरी दुनिया में कारोबार कर रही हैं।

उन्‍होंने कहा कि इंडस्‍ट्री के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है जीएसटी भुगतान में भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच समानता की कमी। यदि एक विदेशी कंपनी ऑनलाइन पोर्टल के जरिये भारत में होटल बुक करती है, तो उसे जीएसटी नहीं देना होता है लेकिन एक भारतीय कंपनी ऐसा करती है तो उसे टैक्‍स देना होता है। हम चाहते हैं कि इस मुद्दें को जल्‍द से जल्‍द सुलझाया जाए क्‍योंकि इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो रहा है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement