नई दिल्ली। सरकार दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की भू-परिसंपत्तियों और कर्ज को एक विशेष इकाई (एसपीवी) को स्थानांतरित करने का विचार कर रही है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को कर्ज मुक्त बनाया जा सके।
वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि सरकार देश में प्रमुख स्थानों पर कंपनी की जमीनों को काफी कम मूल्य यानी 20,210 करोड़ रुपए में एसपीवी को स्थानांतरित करना चाहती है। यूनियन ने कहा कि ये जमीनें देश के प्रमुख शहरों में हैं और इनका मूल्य कम कर लगाया गया है।
बीएसएनएल प्रबंधन ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जमीनों का मूल्यांकन अभी सांकेतिक है और जमीन के टुकड़ों को बेचने से पहले उनका अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा। समझा जाता है कि यह विशेष इकाई इन जमीन के टुकड़ों को बेचेगी और बीएसएनएल का करीब 15,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाएगी।
बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने दूरसंचार सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि जमीनों के मौद्रिकरण के नाम पर कंपनी की जमीनों को औने-पौने दाम पर एसपीवी को स्थानांतरित किया जा रहा है। इस बारे में संपर्क करने पर बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा कि इस तरह के आरोप गलत हैं। यह मूल्यांकन कैबिनेट नोट तैयार करने के उद्देश्य से सांकेतिक आधार पर तैयार किया गया है। इसका अंतिम मूल्यांकन सरकार के पास पंजीकृत मूल्यांकक द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिस एसपीवी का प्रस्ताव किया गया है उसका शत-प्रतिशत स्वामित्व सरकार के पास होगा। वहीं यूनियन ने कहा है कि उसने चेन्नई और केरल सर्किल में जमीन के टुकड़ों की जानकारी जुटाई है। इसमें यह सामने आया है कि इन जमीनों का मूल्य काफी कम लगाया गया है।