नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से उचित मूल्य पर फास्फेट (पी) और पोटास (के) उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये कूटनीतिक माध्यमों के जरिये जरूरी हस्तक्षेप किया जाएगा। आधिकारिक बयान के अनुसार वर्ष 2021 के जून से शुरू होने वाले खरीफ मौसम के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा के लिये 12 अप्रैल को बुलायी गयी बैठक में उर्वरक उद्योग को यह आश्वासन दिया गया। बैठक में कंपनियों से कहा गया कि डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे पी और के उर्वरकों के खुदरा मूल्य में वृद्धि नहीं की जाए और उन्हें मूल्य में बदलाव से पहले, उर्वरक विभाग से परामर्श करने का निर्देश दिया गया।
देश में यूरिया के बाद सबसे ज्यादा उपयोग डीएपी का ही होता है। उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पी एंड के उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि से जुड़ी कंपनियों की चिंताओं को समझा गया। कंपनियों ने कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को समय पर, पर्याप्त रूप से और सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी प्रमुख कंपनियों ने साफ किया कि खुदरा केंद्रों, थोक केंद्रों, भंडार केंद्रों,गोदाम आदि स्तरों पर उपलब्ध मौजूदा भंडार पुरानी दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि उन्होंने सरकार से आपूर्ति के संदर्भ में चीजों को सुचारू और कीमतों को उचित स्तर पर रखने के लिये हस्तक्षेप का आग्रह किया। इस पर गौड़ा और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने कहा, ‘‘वर्तमान परिदृश्य में उनके प्रयासों में मदद करने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से कच्चे माल, तैयार उर्वरक की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये कूटनीतिक माध्यमों के जरिए जरूरी हस्तक्षेप किया जाएगा।’’ बयान के अनुसार बैठक में कंपनियों ने सरकार को आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों में किसानों को उर्वरक समय पर, पर्याप्त मात्रा में और किफायती दर पर उपलब्ध कराये जाएंगे। बैठक में मंत्रियों और अधिकारियों के अलावा उर्वरक बनाने वाली कंपनियों और आयातक शामिल हुए।