
India Kharif sowing paddy pulses oilseed cotton tur soybean groundnut urad moong
नई दिल्ली। देश में इस साल खरीफ फसलों की बंपर खेती देखी जा रही है। देशभर में खरीफ बुआई का सीजन अभी शुरू ही हुआ है और शुरुआती सीजन में ही 40 प्रतिशत से ज्यादा खेती पूरी हो चुकी है। अबतक देशभर में खरीफ फसलों की जो खेती हुई है वह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग दोगुना आगे चल रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 3 जुलाई (शुक्रवार) तक देशभर में कुल 432.97 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 230.03 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी। कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और कपास की खेती में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके अलावा धान का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रहा है। 3 जुलाई तक देशभर में कुल 68.08 लाख हेक्टेयर में धान की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 49.23 लाख हेक्टेयर में फसल लगी थी।
दलहन की खेती में इस साल सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नजर आ रही है, पिछले साल के मुकाबले दलहन का रकबा लगभग 4 गुना आगे चल रहा है, 3 जुलाई तक देशभर में कुल 36.82 लाख हेक्टेयर में दलहन की फसल दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 9.46 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी। अबतक हुई 36.82 लाख हेक्टेयर दलहन की खेती में 16.56 लाख हेक्टेयर में अरहर, 9.40 लाख हेक्टेयर में मूंग, 8.77 लाख हेक्टेयर में उड़द और बाकी में अन्य खरीफ दलहन हैं।
तिलहन की खेती की बात करें तो उसमें भी जोरदार बढ़ोतरी है और पिछले साल के मुकाबले रकबा 3 गुना से ज्यादा आगे चल रहा है। 3 जुलाई तक देशभर में कुल 109.20 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 33.63 लाख हेक्टेयर में फसल लग पायी थी। इस साल हुई 109.20 लाख हेक्टेयर खेती में 81.81 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, 25.05 लाख हेक्टेयर में मूंगफली और बाकी में अन्य खरीफ तिलहन की खेती हुई है।
इस साल कपास और मोटे अनाज की बुआई में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 3 जुलाई तक मोटे अनाज का रकबा 70.69 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 35.60 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी और कपास की बात करें तो अबतक देशभर में कुल 91.67 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 45.85 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी।