Highlights
- ई-वाहनों में ई-स्कूटर बने भारत की पहली पसंद।
- पहले स्तर के शहरों की तुलना में दूसरे स्तर के शहरों में ई-मोटरसाइकलों की मांग बढ़ी।
- लक्ज़री ब्राण्ड्स में बुगाटी पर सबसे ज़्यादा सर्च की गई, दिल्ली में मांग सबसे अधिक।
मुंबई: ईंधन की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेज़ी से बढ़ी है, इसमें भी ई-स्कूटर भारतीयों की पहली पसंद बन गए हैं। पहले स्तर के शहरों में से दिल्ली में ई-स्कूटरों और ई-वाहनों की मांग सबसे अधिक रही है, जस्ट डायल की कन्ज़्यूमर इनसाईट्स रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। सरकार द्वारा प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने, तथा वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों पर छूट देने के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है। ई-वाइनों में से ई-स्कूटरों की मांग सबसे ज़्यादा 220.7 फीसदी बढ़ी है, इसके बाद ई-कार की मांग 132.4 फीसदी, ई-मोटरसाइकलों की मांग 115.3 फीसदी और ई- साइकलों की मांग 66.8 फीसदी बढ़ी हैं।
दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू में ई-स्कूटरों की मांग सबसे ज्यादा
पहले स्तर के शहरों में दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू में ई-स्कूटरों की मांग सबसे ज्यादा रही, जिसके बाद अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता में भी अच्छी मांग दर्ज की गई। दूसरे स्तर के टॉप 10 शहर जहां सबसे ज़्यादा मांग रही, उनमें मैसूर, इंदौर, जयपुर, सूरत, आगरा, जोधपुर, वड़ोदरा, नासिक और चण्डीगढ़ शामिल हैं। इन रूझानों पर बात करते हुए प्रसून कुमार, चीफ़ मार्केटिंग ऑफिसर, जस्ट डायल ने कहा, ‘‘यह देखकर अच्छालगता है कि ई-वाहनों की मांग लगातार तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे न सिर्फ राजधानी में बल्कि पूरे देश में प्रदूषण के स्तर को कम करने और साथ ही जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने में भी मदद मिलेगी। सीओपी 26 से मिले सबक से स्पष्ट है कि दुनिया भर में लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने के लिए मजबूत एवं स्थायी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।’’
दूसरे स्तर के शहरों में ई-मोटरसाइकलों की मांग बढ़ी
पहले स्तर के शहरों की तुलना में दूसरे स्तर के शहरों में ई-मोटरसाइकलों की मांग बढ़ी हैं सूरत, राजकोट, अमरावती, नागपुर, विजयवाड़ा, सालेम, कोल्हापुर, पॉंन्डिचैरी, वाराणसी और भावनगर दूसरे स्तर के टॉप 10 शहर हैं, जहां ई-मोटरसाइकलों की मांग सबसे ज़्यादा रही है। पहले स्तर के शहरों में सबसे ज़्यादा मांग मुंबई, पुणे और बैंगलुरू में दर्ज की गई, इसके बाद हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद और कोलकाता में सबसे ज़्यादा मांग दर्ज की गई।
इलेक्ट्रिक कारों की मांग मुंबई, दिल्ली और बैंगलुरू में सबसे ज्यादा
इलेक्ट्रिक कारों की बात करें तो पहले स्तर के शहरों में मुंबई, दिल्ली और बैंगलुरू तीन मुख्य शहर हैं जहां सबसे ज़्यादा मांग दर्ज की गई इसके बाद हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता में भी अच्छी मांग दर्ज की गई। दूसरे स्तर के शहरों में नासिक, लखनऊ, नागपुर, कोयम्बटूर, जयपुर, विजयवाड़ा, गोवा, सूरत, जबलपुर और विशाखापटनम में त्योहारों के दौरान सबसे ज़्यादा मांग रही।
इलेक्ट्रिक साइकलों की मांग सबसे ज्यादा किन शहरों में रही देखें
पहले स्तर के शहरों में मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में इलेक्ट्रिक साइकलों की मांग सबसे ज़्यादा रही, इसके बाद हैराबाद, चेन्नई, पुणे, बैंगलुरू और अहमदाबाद में सबसे ज़्यादा मांग दर्ज की गई। दूसरे स्तर के शहरों में सूरत,राजकोट, अमरावती, पटना, नागपुर, विजयवाड़ा, सलेम, कोल्हापुर, मदुराई और भोपाल में सबसे ज़्यादा मांग रही।
बुगाटी, फेरारी, लम्बोरगिनी और पॉर्शे की मांग में बढ़ोतरी हुई
लक्ज़री सेगमेन्ट में भी सर्च के रूझान रोचक रहे हैं, जहां बुगाटी, फेरारी, लम्बोरगिनी और पॉर्शे की मांग में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है। इनमें से बुगाटी पर सबसे ज़्यादा सर्च की गई, त्योहारों के दौरान इसकी मांग में 167 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस मांग में सबसे ज़्यादा योगदान दिल्ली, अहमदाबाद और पुणे का रहा। दूसरा सबसे लोकप्रिय लक्ज़री ब्राण्ड पॉर्शे रहा, जसकी मांग में साल दर साल 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह मांग पहले स्तर के शहरों में बैंगलुरू, दिल्ली और पुणे में सबसे ज़्यादा रही, इसके बाद दूसरे स्तर के शहरों में चण्डीगढ़, नागपुर और गुंटुर में सबसे ज़्यादा रही।
फेरारी तीसरा सबसे लोकप्रिय लक्ज़री ब्राण्ड, मांग में 51 फीसदी की बढ़ोतरी
फेरारी तीसरा सबसे लोकप्रिय लक्ज़री ब्राण्ड है जिसकी मांग में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसकी सबसे ज़्यादा मांग बैंगलुरू, मुंबई और दिल्ली में दर्ज की गई। दूसरे स्तर के शहरों जैसे थिरूवनंतपुरम और नागपुर में त्योहारों के दौरान इसकी लोकप्रियता सबसे ज़्यादा बढ़ी है। लम्बोर्गिनी की मांग त्योहारों में 21 फीसदी बढ़ी। पहले स्तर के शहरों की बात करें तो इसकी सबसे ज़्यादा सर्च मुंबई और दिल्ली में की गई, जबकि दूसरे स्तर के शहरों में सूरत, भोपाल और वंरगल में सबसे ज़्यादा मांग रही।