नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में इस साल अब तक 17.4 अरब डॉलर (12,49,05,90,00,000 रुपए) की कमी आ चुकी है। इस साल फेसबुक यूजर्स डाटा की सुरक्षा को लेकर आलोचना और रूस में निर्वाचन आयोग की जांच का सामना करने जैसी तमाम परेशानियों से घिरी रही है। तमाम देशों में इसके कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं।
16 नवंबर को फेसबुक का शेयर 3 प्रतिशत गिरकर 139.53 डॉलर पर आ गया, जो अप्रैल 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है। 34 साल के जुकरबर्ग, जो हाल ही में जेफ बेजोस और बिल गेट्स के बाद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने थे, अब ब्लूमबर्ग बिलिनियर इंडेक्स में छठवें स्थान पर आ गए हैं।
इस गिरावट के बाद भी जुकरबर्ग के पास 55.3 अरब डॉलर (39,69,71,05,00,000 रुपए) की संपत्ति है। इस साल 25 जुलाई से लेकर अब तक उनकी संपत्ति में 31 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है। ओरेकल की लैरी एलीसन 54.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ इस लिस्ट में 7वें नंबर पर हैं।
अमेरिका में डेमोक्रेटिक सांसदों ने उन मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मार्क जुकरबर्ग से स्पष्टीकरण मांगा है, जिनमें कहा गया है कि कंपनी ने अपनी प्राइवेसी के आलोचकों के खिलाफ अपनी रणनीति बनाने के लिए कॉन्ट्रेक्टर्स का इस्तेमाल किया और अपने नेटवर्क पर रूसी प्रोपगैंडा को बढ़ावा दिया।
भारत में सरकार द्वारा डाटा मांग में हुई तेज वृद्धि
2018 की पहली छमाही में भारत सरकार द्वारा फेसबुक से डाटा मांगने में बहुत तेज वृद्धि दर्ज की गई है। कंपनी को कुल 16,580 डाटा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके विपरीत पिछले पूरे साल में सरकार द्वारा केवल 22,024 आवेदन भेजे गए थे। वहीं 2016 में पूरे साल में केवल 13,613 आवेदन भेजे गए थे।
फेसबुक ने अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा है कि साल 2018 में जनवरी से जून के बीच फेसबुक ने सरकार को 53 प्रतिशत मामलों में डाटा उपलब्ध कराया। फेसबुक किसी देश के कानून और वहां की सेवा शर्तों के अनुसार सरकार के आवेदन का जवाब देता है।