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कोलंबो पोर्ट का काम अदाणी ग्रुप 2025 से शुरू करेगा, सेल्फ फंडिंग को लेकर श्रीलंका को समस्या नहीं

अदाणी पोर्ट्स की कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अमेरिकी एजेंसी ने हाल ही में कहा था कि वह अदाणी समूह के अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के प्रभावों का सक्रिय रूप से आकलन कर रही है। इसने अदाणी समूह को अभी तक कोई वित्तीय मदद मुहैया नहीं कराई है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 13, 2024 14:23 IST, Updated : Dec 13, 2024 14:23 IST
Adani Group
Photo:FILE अदाणी ग्रुप

अदाणी ग्रुप कोलंबो पोर्ट का काम 2025 की शुरुआत से शुरू करेगा। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत में चालू होने के लिए तैयार है। कंपनी ने साथ ही कहा कि वह अपनी पूंजी प्रबंधन रणनीति के साथ आंतरिक स्रोतों से इस परियोजना को वित्तपोषित करेगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीलंका के बंदरगाह मंत्री विमल रत्नायका ने कहा कि सरकार चाहती है कि कोलंबो बंदरगाह पर गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल परियोजना आगे बढ़े और इसे अदाणी के नेतृत्व वाले समूह द्वारा अपने संसाधनों से वित्तपोषित करने में कोई समस्या नहीं है। 

प्रोजेक्ट का काम पूरा करना जरूरी 

गुरुवार को बंदरगाह के दौरे के दौरान रत्नायका ने कहा कि बंदरगाह को राजस्व मिले, इसलिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है, हम इसे आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप के अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) से वित्तपोषण अस्वीकार करने का फैसला उसका अपना था और श्रीलंका को इससे कोई समस्या नहीं है। पिछले साल नवंबर में डीएफसी ने श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (सीडब्ल्यूआईटी) नामक गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल के विकास, निर्माण और संचालन का समर्थन करने के लिए 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण देने पर सहमति जताई थी।

चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की तैयारी

सीडब्ल्यूआईटी का विकास अदाणी पोर्ट्स, श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) के एक गठजोड़ द्वारा किया जा रहा है। डीएफसी का वित्तपोषण क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा था। अधिकारियों ने बताया कि ऋण प्रक्रिया तब रुक गई, जब डीएफसी ने अदाणी और एसएलपीए के बीच हुए समझौते को उनकी शर्तों के अनुसार संशोधित करने के लिए कहा। चूंकि परियोजना पूरी होने के करीब है, इसलिए अदाणी पोर्ट्स ने डीएफसी से वित्त पोषण के बिना परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। रत्नायका ने कहा कि सरकार अभी भी अदाणी की एक अन्य परियोजना - मन्नार के पूर्वोत्तर जिले में पवन ऊर्जा परियोजना - का विरोध कर रही है, क्योंकि यह श्रीलंका के हितों के खिलाफ है। 

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