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NCLAT ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण का रास्ता किया साफ, ArcelorMittal को दी मंजूरी

एस्सार स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि धारा 29ए के तहत अपात्रता के बारे में नए तथ्य पर उचित तरह से विचार नहीं किया गया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 04, 2019 18:27 IST
NCLAT clears ways for takeover of Essar Steel by ArcelorMittal- India TV Paisa
Photo:NCLAT CLEARS WAYS FOR TAK

NCLAT clears ways for takeover of Essar Steel by ArcelorMittal

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने प्रवर्तक शेयरधारकों की सभी आपत्तियों को खारिज करने के बाद आर्सेलरमित्तल की ओर से एस्सार स्टील के अधिग्रहण को गुरुवार को मंजूरी दे दी। हालांकि, एनसीएलएटी ने परिचालनीय कर्जदाताओं को दिवाला प्रक्रिया से प्राप्त रकम में वित्तीय ऋणदाताओं के समकक्ष अधिकार दिया है। 

न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने एस्सार स्टील के निदेशक प्रशांत रुईया की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि आर्सेलरमित्तल दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत बोली लगाने के लिए पात्र नहीं है क्योंकि कथित रूप से उनकी कर्ज में चूक करने वाली कंपनियों में हिस्सेदारी है। 

इससे पहले अपीलीय न्यायाधिकरण ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलरमित्तल की 42,000 करोड़ रुपए की समाधान योजना और रकम का कर्जदाताओं के बीच वितरण के खिलाफ दाखिल की गई याचिकाओं के खिलाफ अपने आदेश सुरक्षित रख लिया था। 

पीठ ने कहा कि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) केवल बोलीदाता की समाधान योजना की व्यवहार्यता की जांच-पड़ताल करेगी। वह विभिन्न कर्जदाताओं के बीच रकम के वितरण में दखल नहीं देगी। पीठ ने कहा कि रकम के वितरण का काम समाधान आवेदनकर्ता की ओर से किया जाएगा। सीओसी का इस पर कोई अधिकार नहीं है। 

वित्तीय एवं परिचालन कर्जदाताओं ने वित्तीय संकट में फंसी इस कंपनी पर कुल 69,192 करोड़ रुपए का संशोधित दावा किया है। इस बीच, एस्सार स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि धारा 29ए के तहत अपात्रता के बारे में नए तथ्य पर उचित तरह से विचार नहीं किया गया है। यह तथ्य सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले के बाद सामने आए थे। हम विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसके बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।

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