नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तैयार इस्पात के सामान का आयात घटाने का आह्वान किया है। उन्होंने उद्योग से प्रौद्योगिकी और देश में उपलब्ध संसाधनों का दोहन करने को कहा है। पीएचडी चैंबर द्वारा बुधवार को वर्चुअल तरीके से आयोजित राष्ट्रीय खनन शिखर सम्मेलन-2020 को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक हैं। अपने खुद के उपभोग के लिए हमें तैयार उत्पादों का आयात करना पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध है। वहीं विभिन्न इस्पात उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी पहले से उपलब्ध है। प्रधान ने कहा, ‘‘आज भी कई सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) कच्चे माल का आयात कर रहे हैं, चाहे यह कबाड़ हो या निचले ग्रेड की धातु। आयात की लागत देश में इनके उत्पादन से कम है। हम इस मुद्दे को हल करने का प्रयास करेंगे।’’
इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इससे पहले इस्पात विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात की पहचान करने को कहा जिनका विनिर्माण भारत में नहीं होता, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यापक है। उन्होंने विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात का विकास करने को कहा। सरकार लगातार इंडस्ट्री को आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कह रही है। आयात घटाने औऱ निर्यात बढ़ाने से विदेशी कारोबार भारत के पक्ष में होगा, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।