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Budget 2024: बजट पेश करने की तारीख बदलकर आखिर 1 फरवरी कैसे हो गई? पहले यह डेट थी तय

सरकार ने तब तर्क दिया था कि तारीख बदलने से उसे 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई नीतियों और बदलावों की तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल सकेगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 23, 2024 7:44 IST, Updated : Jan 23, 2024 7:44 IST
बजट पेश होने से एक दिन पहले सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है।- India TV Paisa
Photo:FILE बजट पेश होने से एक दिन पहले सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट हर साल की तरह 1 फरवरी 2024 पेश करने वाली हैं। केंद्रीय बजट कई सालों से फरवरी के पहले दिन पेश किया जाता रहा है, लेकिन पहले बजट 28 फरवरी (या लीप वर्ष में 29 फरवरी) को पेश किया जाता था। आखिर ये तारीख क्यों और कब बदली? दरअसल,  यह परंपरा साल 2017 में बदली गई। तब अरुण जेटली वित्त मंत्री थे। महामारी के दौरान भी यह प्रथा जारी रही और बजट 2021 में 1 फरवरी को पेश किया गया।

बजट पेश होने से एक दिन पहले सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जो देश की आर्थिक स्थिति का रिपोर्ट कार्ड होता है और बजट की रूपरेखा तैयार करता है। बजट संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किया जाता है, जो परंपरागत रूप से दो भागों में आयोजित किया जाता है। पहला भाग आमतौर पर 31 जनवरी को शुरू होता है।

बजट पेश करने की तारीख क्यों बदली गई?

सरकार ने तब तर्क दिया था कि तारीख बदलने से उसे 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई नीतियों और बदलावों की तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल सकेगा। फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर केंद्रीय बजट पेश करने की सामान्य प्रथा के कारण पूरी प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि वास्तव में इसे नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से काफी देर बाद पारित किया गया था। एनडीटीवी के मुताबिक, तारीख में बदलाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।

याचिका में दी गई ये दलील

खबर के मुताबिक, याचिकाकर्ता के एक वकील ने तर्क दिया कि केंद्र लोकलुभावन खर्च के वादों के साथ चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है। लेकिन अदालत ने कहा कि केंद्रीय बजट का राज्यों से कोई लेना-देना नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि राज्यों में चुनाव इतनी बार होते हैं कि वे केंद्र के काम में बाधा नहीं डाल सकते। आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय बजट 1999 तक फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था, यह प्रथा ब्रिटिश काल से चली आ रही थी। साल 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने समय बदलकर 11 बजे कर दिया था।

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