Highlights
- देश में पर्सनल इनकम टैक्स सहित डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जोरदार वृद्धि
- चालू वित्त वर्ष में आठ सितंबर तक इसमें 35.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
- सरकार द्वारा जारी किए गए रिफंड में 65 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है
2020 में कोरोना महामारी के चलते गर्त में गई भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी के मोड में दिख रही है। इकोनॉमी के लिए एक अच्छे शुभ संकेत डायरेक्ट टैक्स के मोर्चे से आए हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में पर्सनल इनकम टैक्स सहित डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जोरदार वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष में आठ सितंबर तक इसमें 35.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब यह बढ़ कर 6.48 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
जानकारों के अनुसार टैक्स कलेक्शन में जोरदार बढ़ोतरी से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी है। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही।
भारत में कितना रहा सरकार का टैक्स कलेक्शन
आयकर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.29 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा रिफंड घटाने के बाद तय किया गया है। जो कि 2021 में इसी अवधि के नेट कलेक्शन से 30.17 फीसदी अधिक है। यह कलेक्शन, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान का 37.24 फीसदी है। डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आठ सितंबर 2022 तक के आंकड़े बताते हैं कि कुल संग्रह 6.48 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की इसी अवधि के सकल संग्रह की तुलना में 35.46 फीसदी अधिक है।
1.19 लाख करोड़ रुपये का रिफंड
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि बीते साल के मुकाबले इस साल सरकार द्वारा जारी किए गए रिफंड में 65 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। एक अप्रैल से आठ सितंबर, 2022 तक 1.19 लाख करोड़ रुपये की राशि बतौर रिफंड जारी की गई। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 65.29 प्रतिशत अधिक है।
व्यक्तिगत आयकर में जोरदार बढ़ोतरी
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि कंपनी आयकर में 25.95 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। दूसरी ओर व्यक्तिगत आयकर में भी 44.37 फीसदी की वृद्धि हुई। गौरतलब है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डाइरेक्ट टैक्स के मद में 14.20 लाख करोड़ रुपये के कलेक्शन का अनुमान लगाया है। इसमें कॉरपोरेट कर से 7.20 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत करदाताओं से 7.0 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।