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आफत: राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर झटका, राहत: बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4 माह का उच्चस्तर पर पहुंचा

आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2023 में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: February 28, 2023 18:02 IST
राजकोषीय घाटा- India TV Paisa
Photo:PTI राजकोषीय घाटा

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आज एक अच्छी तो एक बुरी खबर आई है। दरअसल, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी के अंत तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य के 67.8 प्रतिशत पर पहुंच गया है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक मूल्य में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जनवरी की अवधि में राजकोषीय घाटा 11.9 लाख करोड़ रुपये रहा है। खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। वहीं, दूसरी ओर आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2023 में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है।

आर्थिक वृद्धि दर तीसरी तिमाही में घटकर 4.4% पर

देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.4 प्रतिशत रही है। मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जीडीपी में गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 11.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वहीं, चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा एनएसओ ने बीते वित्त वर्ष 2021-22 की वृद्धि दर को 8.7 प्रतिशत से संशोधित कर 9.1 प्रतिशत कर दिया है।

पिछले वित्त वर्ष की सामान अवधि में राजकोषीय घाटा 58.9% रहा था

इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में राजकोषीय घाटा उस साल के बजट के संशोधित अनुमान का 58.9 प्रतिशत रहा था। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 17.55 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत है। सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में शुद्ध कर संग्रह 16,88,710 करोड़ रुपये रहा है। यह 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान का 80.9 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में शुद्ध कर संग्रह 2021-22 के संशोधित अनुमान का 87.7 प्रतिशत रहा था। इस दौरान सरकार का कुल खर्च 31.67 लाख करोड़ रुपये या 2022-23 के संशोधित अनुमान का 75.7 प्रतिशत रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को लोकसभा में पेश बजट में 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 प्रतिशत रखा है। चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। 

बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जनवरी में 7.8 प्रतिशत बढ़ा

आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2023 में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोयला, उर्वरक, इस्पात और बिजली क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के कारण यह वृद्धि दर्ज हुई। पिछले साल इसी अवधि यानी जनवरी, 2022 में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। दिसंबर, 2022 में यह आंकड़ा सात प्रतिशत था। समीक्षाधीन अवधि में कच्चे तेल को छोड़कर, सभी खंडों ने उत्पादन में वृद्धि दर्ज की। जनवरी में कच्चे तेल के उत्पादन में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई। आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों - कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली - की वृद्धि दर अप्रैल, 2022 से जनवरी, 2023 के दौरान 7.9 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 11.6 प्रतिशत था। मुख्य क्षेत्र या प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के लिहाज से इनका काफी महत्व है। 

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