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सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप लिखना, कमेंट करना बंद करें! सरकार ने दोषियों को सजा देने के लिए उठाया यह कदम

सरकार सोशल मीडिया कंपनियों का दायित्व सुनिश्चित करने के लिए और सख्त रुख अख्तियार करने की तैयारी कर रही है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: October 29, 2022 15:37 IST
सोशल मीडिया- India TV Paisa
Photo:FILE सोशल मीडिया

आने वाले समय में सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप लिखना, कमेंट करना आपको भारी पड़ सकता है। दरअसल, कंटेंट को लेकर सरकार सोशल मीडिया कंपनियों का दायित्व सुनिश्चित करने के लिए और सख्त रुख अख्तियार करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए आईटी नियमों में संशोधन किया गया है। इस बाबत जानकारी देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को बताया कि आईटी नियमों में किए गए संशोधन सोशल मीडिया कंपनियों पर और अधिक सावधानी बरतने का दायित्व डालेंगे ताकि उनके मंच पर कोई भी गैरकानूनी सामग्री या गलत सूचना पोस्ट न की जाए। इससे सोशल मीडिया मंच का गलत इस्तेमाल रोकने में मदद मिलेगी। 

आईटी नियमों में बदलाव किया गया 

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को लेकर दर्ज शिकायतों का सही से निपटरा करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को आईटी नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत तीन महीने में अपीलीय समितियों का गठन की घोषणा की है। ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री के नियमन के संबंध में किए गए फैसलों की समीक्षा कर सकेंगी। तीन सदस्यीय शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) के गठन को चंद्रशेखर ने जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार नागरिकों से मिले उन लाखों संदेशों से अवगत है जिनमें सोशल मीडिया कंपनियों पर उनकी शिकायतों का समुचित निवारण नहीं किए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।

सोशल मीडिया कंपनी अपनी दायित्व से भाग नहीं सकती 

चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया कंपनियों को साझेदारों की तरह काम करते हुए देखना चाहती है ताकि ‘डिजिटल नागरिकों’ के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। सोशल मीडिया कंपनी अपनी दायित्व से भाग नहीं सकती है। बड़ी कंपनियों को सख्त संदेश देते हुए मंत्री ने कहा कि ये मंच चाहे अमेरिका के हों या यूरोप के, अगर भारत में काम करना है तो  उनके सामुदायिक दिशा-निर्देश भारतीयों के संवैधानिक अधिकारों के विरोधाभासी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, "इन मंचों का दायित्व है कि कोई भी गलत जानकारी, गैरकानूनी सामग्री या विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली सामग्री को 72 घंटे के बीच हटा दिया जाए।" उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर 72 घंटे की समयसीमा को बहुत अधिक मानते हैं और सोशल मीडिया मंचों को गैरकानूनी सामग्रियों पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। 

लोकपाल की भूमिका निभाने में दिलचस्पी नहीं 

चंद्रशेखर ने कहा, "सरकार की दिलचस्पी लोकपाल की भूमिका निभाने में नहीं है। यह एक जिम्मेदारी है जिसे हम अनिच्छा से ले रहे हैं, क्योंकि शिकायत तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है।" उन्होंने कहा कि इसके पीछे किसी कंपनी या मध्यवर्ती को निशाना बनाने या उनके लिए मुश्किलें खड़ी करने की सोच नहीं है। 

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