Friday, April 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में स्वीकार की गलती, कहा- हां... सरकार ये काम नहीं कर पाई

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में स्वीकार की गलती, कहा- हां... सरकार ये काम नहीं कर पाई

संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा हैसंसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ सवालों के जवाब में सरकार की गलती पर सहमति जताई है।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: December 27, 2022 16:41 IST
निर्मला सीतारमण ने संसंद में स्वीकार की गलती, कहा- हां- India TV Paisa
Photo:SANSAD TV LIVE निर्मला सीतारमण ने संसंद में स्वीकार की गलती, कहा- हां

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में स्वीकार किया कि छोटे जमाकर्ताओं द्वारा खराब ऋणों से पैसे वसूलने की प्रक्रिया बहुत जटिल और लंबी है और इसे सरल बनाने की जरूरत है। 

अब सरल प्रक्रिया बनाने पर काम करेगी सरकार

सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सदस्य सुप्रिया सुले द्वारा खराब ऋणों को बट्टे खाते में डालने और उनकी वसूली और जमाकर्ताओं को होने वाली समस्याओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, "दुर्भाग्य से (धन की वसूली की) प्रक्रियाओं के इतने स्तर हैं कि जिस समय न्याय की मांग की जाती है, तब तक कई छोटे जमाकर्ता कठिनाई में आ जाते हैं। निश्चित रूप से यह देखने की जरूरत है कि हम न्याय से इनकार किए बिना प्रक्रिया को कैसे सरल बना सकते हैं।"

सुप्रिया सुले ने यह जानने की कोशिश की थी कि जमाकर्ताओं के पैसे वापस करने की प्रक्रिया को कैसे कम किया जा सकता है, क्योंकि खराब ऋणों को बट्टे खाते में डाले जाने के बाद जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने में लंबा समय लगता है।

राकांपा विधायक ने ने इस मामले को किया उजागर

राकांपा विधायक ने अपने प्रश्न के माध्यम से आम जमाकर्ताओं की दुर्दशा को उजागर करते हुए पीएमसी बैंक मामले का उदाहरण भी दिया। सीतारमण ने कहा, "मैं भावना को काफी समझती हूं, और मैं उस हिस्से की पूरी तरह से सराहना करती हूं। इसमें लंबा समय लगता है। प्रक्रियाएं बहुत बड़ी है। वित्तीय लेनदार और परिचालन लेनदार बहुत अधिक हैं। ये दावे शायद कभी नहीं सुने जाते। इसे ठीक से सुनना भी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "जब एक तथाकथित विलफुल डिफॉल्टर की संपत्ति पर इतने सारे दावे होते हैं, तो कुर्क की गई संपत्ति के एक हिस्से को छुड़ाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना मुश्किल हो जाता है। मैं माननीय सांसद से सहमत हूं कि दुर्भाग्य से प्रक्रियाएं इतने स्तरित हैं कि जब तक न्याय देने की मांग की जाती है, तब तक कई छोटे जमाकर्ताओं को अत्यधिक कठिनाई में डाल दिया जाता है। निश्चित रूप से यह देखने की जरूरत है कि हम न्याय से इनकार किए बिना प्रक्रिया को कैसे सरल बना सकते हैं।"

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement