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कंगाल हुआ नीरव मोदी, नहीं बचे पिज्जा के भी पैसे! 14000 करोड़ का चूना लगाने वाले के खाते में अब सिर्फ 236 रुपये

नीरव मोदी के दिन इतने बुरे चल रहे है, कि उसके फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (FIDPL) के एक बैंक खाते में कथित तौर पर सिर्फ 236 रुपये ही बचे हैं।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: March 20, 2023 9:31 IST
nirav modi- India TV Paisa
Photo:FILE Nirav modi

हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) कंगाल हो गया हैं? पंजाब नेशनल बैंक को 14000 करोड़ का चूना लगाकर लंदन भागने वाला ये भगोड़ा कारोबार इस समय ब्रिटेन की जेल में है। ताजा खबरों के अनुसार कभी यॉट, हीरे और हवाईजहाज का शौख पालने वाले नीरव मोदी के खातों में अब मात्र 236 रुपये ही बचे हैं। नीरव जेल में कर्ज लेकर अपना खर्च चला रहा ह। 

बताया जा रहा है कि नीरव को करीब 1.47 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने के लिए भी रकम उधार लेनी पड़ी थी। करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले नीरव मोदी के दिन इतने बुरे चल रहे है, कि उसके फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (FIDPL) के एक बैंक खाते में कथित तौर पर सिर्फ 236 रुपये ही बचे हैं। 

सरकारी बैंकों की उधारी का भुगतान

कोटक महिंद्रा बैंक ने इस खाते से 2.46 करोड़ रुपये की रकम बकाया आयकर के रूप में एसबीआई को ट्रांसफर की है। साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी कुल बकाया के एक हिस्से का भुगतान किया है। इन पेमेंट्स के बाद कंपनी के खाते में सिर्फ 236 रुपये रह गए हैं।

लिक्विडेटर की पैसों की मांग

अब एफआईडीपीएल के लिए नियुक्त लिक्विडेटर ने एक बार फिर विशेष अदालत से पैसा रिलीज करने की मांग की है। लिक्विडेटर ने अदालत को बताया कि उसने यूनियन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया को कंपनी के खाते में पड़ी राशि को स्थानांतरित करने के लिए सूचित किया था। अगस्त, 2021 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत कार्रवाई में कोर्ट ने दावाकर्ता पंजाब नेशनल बैंक को FIDPL के लिए नियुक्त लिक्विडेटर के माध्यम से पैसा जारी करने का निर्देश दिया था।

बैंकों ने नहीं माना कोर्ट का आदेश

लिक्विडेटर की याचिका के जवाब में विशेष अदालत ने बीते हफ्ते यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को तीन महीने के भीतर पुराने आदेश का पालन करने और लिक्विडेटर के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मनमानी की और कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। को 

150,000 पाउंड से अधिक का उधार

पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट आई थी जिसमें नीरव मोदी ने दावा किया कि उसके पास कोई धन नहीं है और वह अदालत द्वारा आदेशित कानूनी लागत का भुगतान करने के लिए 150,000 पाउंड से अधिक की राशि उधार लेने का सहारा ले रहा है। मोदी की फर्म के बैंक खातों में से केवल 236 शेष है. कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा आयकर बकाया के लिए एसबीआई को 2.46 करोड़ हस्तांतरित करने के बाद, दो अन्य बैंकों – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने देय राशि की कुल राशि का केवल एक हिस्सा स्थानांतरित किया है।

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