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लोगों को जल्द मिलेंगी सस्ती दालें, सरकार ने खुदरा विक्रेताओं को लगाई फटकार, जानिए क्या है मामला

हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी (थोक) कीमतों में गिरावट का रुख रहा है, जबकि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई का रकबा है। खरे ने बताया कि ‘‘पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में अरहर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।"

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Oct 09, 2024 7:16 IST, Updated : Oct 09, 2024 7:16 IST
दालों की कीमतें- India TV Paisa
Photo:FILE दालों की कीमतें

सरकार ने मंगलवार को दालों के खुदरा विक्रेताओं से थोक कीमतों में गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को देने को कहा। इसके साथ ही सरकार ने चेताया कि यदि वे असामान्य रूप से मुनाफा कमाते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एक सरकारी बयान के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने मंगलवार को भारतीय खुदरा विक्रेताओं के संघ (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ प्रमुख दालों की कीमतों के परिदृश्य और रुझानों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक त्योहारी सत्र को देखते हुए महत्वपूर्ण है।

घट गए हैं दालों के थोक दाम

इसमें कहा गया कि हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी (थोक) कीमतों में गिरावट का रुख रहा है, जबकि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई का रकबा है। खरे ने बताया कि ‘‘पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में अरहर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी गिरावट नहीं देखी गई है।’’ उन्होंने कहा कि चने के मामले में पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है। उन्होंने कहा कि थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान खुदरा विक्रेताओं द्वारा निकाले जा रहे अनुचित मार्जिन का संकेत देते हैं। रुझानों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और अगर अंतर बढ़ता हुआ पाया जाता है तो आवश्यक उपाय शुरू करने होंगे।

रिटेलर्स से कीमतें घटाने को कहा

बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बयान में कहा गया कि मौजूदा उपलब्धता की स्थिति और मंडी कीमतों में नरमी को देखते हुए सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हरसंभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने संगठित खुदरा श्रृंखलाओं से भारत दालों, विशेष रूप से भारत मसूर दाल और भारत मूंग दाल के वितरण में एनसीसीएफ और नेफेड के साथ समन्वय करने को कहा। उपलब्धता के बारे में खरे ने कहा कि खरीफ की उड़द और मूंग की आवक बाजारों में शुरू हो गई है, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमा से तुअर और उड़द का आयात घरेलू स्टॉक को बढ़ाने के लिए लगातार हो रहा है। रबी की बुवाई की तैयारी में, कृषि विभाग ने दालों का उत्पादन बढ़ाने और आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से प्रत्येक प्रमुख उत्पादक राज्य को केंद्रित योजनाएं सौंपी हैं। नेफेड और एनसीसीएफ आगामी रबी सत्र में किसानों के पंजीकरण और किसानों के बीच बीज वितरण में शामिल होंगे, जैसा कि इस साल खरीफ बुवाई सत्र में किया गया था।

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