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GST on Packaged Food: दही और आटे पर Tax को लेकर सीतारमण ने दिया बड़ा बयान, बताया क्यों लगाया जीएसटी

GST on Packaged Food: गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published : Jul 19, 2022 19:12 IST, Updated : Jul 19, 2022 19:12 IST
Nirmala Sitharaman- India TV Paisa
Photo:FILE Nirmala Sitharaman

GST on Packaged Food:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्यों समेत सभी राज्यों से मंजूरी मिलने के बाद आटा समेत अन्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया गया है। 

दूध, दही और आटा जैसे दैनिक इस्तेमाल के उत्पादों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने को लेकर आलोचनाओं के बीच सीतारमण ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी। 

सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है कि जीएसटी व्यवस्था से पहले राज्य खाद्यान्न पर बिक्री कर या वैट लगाते थे। अनाज, आटा, दही और लस्सी पर जीएसटी लगाने का उद्देश्य कर चोरी पर लगाम लगाना है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय जीएसटी परिषद की बैठक में आम सहमति से लिया गया है। इस बैठक में सभी राज्य शामिल थे। 

केंद्रीय वित्त मंत्री की तरफ से यह बयान दरअसल संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिनों में कोई काम-काज नहीं होने के बीच आया है। विपक्षी पार्टियां रोजमर्रा इस्तेमाल के उत्पादों पर जीएसटी लगाने समेत अन्य मुद्दों पर संसद में जोरदार विरोध कर रही हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘क्या ऐसा पहली बार है जब इस तरह के खाद्य वस्तुओं पर कर लगाया गया हो ? नहीं। जीएसटी व्यवस्था से पहले राज्य खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे। अकेले पंजाब ने खाद्यान्न पर खरीद कर के जरिये 2,000 करोड़ रुपये से अधिक और उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये जुटाए।’’ 

उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए पंजाब तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल और बिहार में वर्ष 2017 से पहले लगाए गए चावल पर वैट का भी हवाला दिया। सीतारमण ने अपने ट्वीट में हालांकि दाल, पनीर और लस्सी पर पूर्व में कर लगाने संबंधी कोई उदाहरण नहीं दिया है, जिन पर अब जीएसटी लगेगा। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद ने हाल में अपनी 47वीं बैठक में दाल, अनाज, आटा, आदि जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने को लेकर पुनर्विचार करने की सिफारिश की थी। इस बारे में बहुत सारी गलतफहमी फैलाई गई है।’’ जुलाई, 2017 में जीएसटी की शुरुआत के साथ ब्रांडेड अनाज, दालें और आटा पर पांच प्रतिशत कर की व्यवस्था थी। जीएसटी में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य के वैट समेत 17 केंद्रीय और राज्य कर शामिल है। 

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में केवल उन्हीं वस्तुओं पर कर लगाने के लिए बदलाव किया गया, जो पंजीकृत ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची जाने वाले वस्तु है। हालांकि, जल्द ही बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठित विनिर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का दुरुपयोग करते पाया गया और इन वस्तुओं पर जीएसटी राजस्व धीरे-धीरे महत्वपूर्ण रूप से घट गया।’’ 

सीतारमण ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं और उद्योग ने सरकार से पैकिंग वाली वस्तुओं पर एक समान जीएसटी लगाने का आग्रह किया था, ताकि इस तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले को ‘फिटमेंट समिति’ को भेजा गया था और कई बैठकों में इन मुद्दों की समीक्षा के बाद दुरूपयोग को रोकने के तौर-तरीकों पर सिफारिश की गई थी। सीतारमण के अनुसार, समिति की सिफारिशों की समीक्षा पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्यों से बने मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) द्वारा की गई थी और इसकी अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने की थी।

 उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में जीएसटी की 47वीं बैठक में निर्णय लिया गया, जो 18 जुलाई, 2022 से मान्य है। केवल इन वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के तौर-तरीकों में बदलाव किया गया था और दो-तीन वस्तुओं को छोड़कर जीएसटी के दायरे में कोई बदलाव नहीं किया गया है।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘उदाहरण के रूप में दालों, अनाज जैसे चावल, गेहूं और आटा आदि जैसी वस्तुओं पर ब्रांडेड और कंटेनर में पैक होने की स्थिति में पहले पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। 18 जुलाई, 2022 से इन वस्तुओं के डिब्बाबंद और लेबल लगे होने पर जीएसटी लगेगा।’’ 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह जीएसटी परिषद द्वारा सर्व सहमति से लिया गया निर्णय था। 28 जून, 2022 को चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में दरों के युक्तिसंगत पर मंत्रियों के समूह द्वारा जब यह मुद्दा रखा गया था तब जीएसटी परिषद में सभी राज्य मौजूद थे।’’

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