Saturday, April 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Heat Wave: प्रचंड गर्मी ने इस साल बिजली की रिकॉर्ड मांग बढ़ाई, 9 जून को ऑल टाइम हाई पर रही डिमांड

Heat Wave: प्रचंड गर्मी ने इस साल बिजली की रिकॉर्ड मांग बढ़ाई, 9 जून को ऑल टाइम हाई पर रही डिमांड

बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहे हैं जिससे इस मांग को पूरा किया जा सके। सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कोयला आयात के ऑर्डर दिए हैं।

Alok Kumar Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 12, 2022 14:00 IST
Power Plant- India TV Paisa
Photo:FILE

Power Plant

Highlights

  • बिजली की मांग इस साल रिकॉर्ड 40,000 से 45,000 मेगावॉट प्रतिदिन बढ़ी
  • मांग बढ़ने के बावजूद केंद्र सरकार 23 से 23.5 घंटे बिजली की आपूर्ति कर पा रही है
  • भारत की बिजली की मांग नौ जून को सर्वकालिक उच्चस्तर 2,10,792 मेगावॉट पर पहुंच गई

Heat Wave: उत्तर भारत में भीषण गर्मी, अर्थव्यवस्था के विस्तार और लाखों ‘वंचित’ घरों तक बिजली का कनेक्शन पहुंचने की वजह से देश में बिजली की मांग इस साल रिकॉर्ड 40,000 से 45,000 मेगावॉट प्रतिदिन बढ़ी है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने यह जानकारी दी। सिंह ने कहा, बिजली उत्पादन क्षमता में जोरदार सुधार, देश का एक पारेषण ग्रिड में एकीकरण और मोदी सरकार के आठ साल के दौरान वितरण प्रणाली के मजबूत होने की वजह से आज सरकार 23 से 23.5 घंटे बिजली की आपूर्ति कर पा रही है। भारत की बिजली की मांग नौ जून को सर्वकालिक उच्चस्तर 2,10,792 मेगावॉट पर पहुंच गई। उस दिन बिजली की खपत 471.2 करोड़ यूनिट रही थी। 

बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता से परिचालन में 

सिंह ने कहा, बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहे हैं जिससे इस मांग को पूरा किया जा सके। सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कोयला आयात के ऑर्डर दिए हैं। मंत्री ने कहा, पिछले आठ साल में पूरे बिजली क्षेत्र में बदलाव आया है। 2014 से पहले देश में बिजली की कमी थी और बिजली कटौती सामान्य बात थी। सिंह ने एक एनजीओ के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली 12.5 घंटे मिलती थी। आज यह आंकड़ा 22.5 घंटे पर पहुंच चुका है। उन्होंने दावा किया कि भारत कभी बिजली की कमी वाला राष्ट्र होता था। बिजली की कमी 17 से 20 प्रतिशत थी। आज भारत बिजली अधिशेष वाला देश बन चुका है। मंत्री ने ब्योरा देते हुए कहा कि आठ साल में 1,69,000 मेगावॉट बिजली क्षमता जोड़ी गई है। हमारी कुल बिजली क्षमता 4,00,000 मेगावॉट (400 गीगावॉट) पर पहुंच चुकी है। वहीं अधिकतम बिजली की मांग 215 गीगावॉट ही है। सिंह ने कहा कि 1.66 लाख सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइन बिछाने के बाद आज पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़ा गया है। पुरानी लाइनों को बदलकर वितरण प्रणाली को बेहतर किया गया है। उन्होंने कहा, आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा एकल फ्रीक्वेंसी बिजली ग्रिड है।’’ उन्होंने कहा कि पहले हम देश के एक कोने से दूसरे कोने में सिर्फ 37,000 मेगावॉट बिजली स्थानांतरित कर पाते थे। आज हम 1,20,000 मेगावॉट बिजली स्थानांतरित करने की स्थिति में है। 

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 23 घंटे हुई 

सिंह ने कहा, इसका परिणाम यह है कि आज बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत उपलब्धता 23 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 23.5 घंटे पर पहुंच गई है। सिंह ने दावा किया कि आज उन हजारों गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है, जो 70 साल से इस सुविधा से वंचित थे। 2.86 करोड़ ‘वंचित’ घरों तक बिजली का कनेक्शन पहुंचाया गया है। यह जर्मनी और फ्रांस की सामूहिक आबादी से अधिक है। मंत्री ने यह भी बताया कि बिजलीघरों से बिजली उत्पादन में 10 प्रतिशत आयातित कोयले का इस्तेमाल करने को कहा गया है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement