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PLI स्कीम का असर: टेलीकॉम इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग सेल्स 50,000 करोड़ के पार निकली

पीएलआई का फायदा लेने वाली टेलीकॉम और नेटवर्किंग कंपनियों की बिक्री में वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 370 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jul 10, 2024 13:52 IST, Updated : Jul 10, 2024 13:52 IST
telecom equipment manufacturing- India TV Paisa
Photo:FILE टेलीकॉम उपकरण मैन्युफैक्चरिंग

प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम (PLI) का फायदा अब बड़े पैमाने पर दिखने लगा है। भारत मोबाइल का आयात से अब निर्यातक बन गया है। इतना ही नहीं, टेलीकॉम उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग सेल्स में बड़ा उछाल आया है। आपको बता दें कि पीएलआई के तहत घरेलू स्तर पर बने टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। इससे 17,800 प्रत्यक्ष नौकरियां और कई अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं। बुधवार को सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई। 

इस सेक्टर में 3,400 करोड़ का बड़ा निवेश आया

संचार मंत्रालय की ओर से कहा गया कि टेलीकॉम क्षेत्र में पीएलआई स्कीम को शुरू हुए करीब तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस दौरान करीब 3,400 करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर में देखने को मिला है। ऐसे में 50,000 करोड़ रुपये (10,500 करोड़ रुपये के निर्यात सहित) का आंकड़ा एक माइलस्टोन है। पीएलआई का फायदा लेने वाली टेलीकॉम और नेटवर्किंग कंपनियों की बिक्री में वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 370 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

आयात-निर्यात के बीच अंतर कम हुआ

केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देश के टेलीकॉम के आयात-निर्यात के बीच अंतर भी कम हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में टेलीकॉम उपकरण और मोबाइल मिलाकर 1.49 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है, जबकि इस दौरान 1.53 लाख करोड़ रुपये का आयात हुआ है।

मोबाइल आयात में आई बड़ी गिरावट 

2014-15 में भारत को बड़े मोबाइल आयातकों में गिना जाता था और केवल 5.8 यूनिट्स का ही उत्पादन किया जाता था और 21 करोड़ यूनिट्स आयात किए जाते थे। वित्त वर्ष 2023-24 में 33 करोड़ यूनिट्स का उत्पादन किया गया है, जबकि केवल 0.3 करोड़ यूनिट्स का ही आयात किया गया है। वहीं, 5 करोड़ यूनिट्स का निर्यात किया गया है। 

मोबाइल एक्सपोर्ट में आया बड़ा उछाल

2014-15 में भारत का मोबाइल एक्सपोर्ट 1,556 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,367 करोड़ रुपये था, जो कि अब 2023-24 में बढ़कर 1,28,982 करोड़ रुपये हो गया है। सरकार ने बताया कि 2014-15 में 48,609 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का आयात होता था, जो कि 2023-24 में 7,665 करोड़ रुपये पर आ गया है।

टेलीकॉम में व्यापार घाटा कम हुआ 

सरकार के मुताबिक, भारतीय मैन्युफैक्चरर्स वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पा रहे हैं और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अच्छे उत्पाद अपने निवेशकों को बेच रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में टेलीकॉम में व्यापार घाटा (टेलीकॉम उपकरण और मोबाइल मिलाकर) 68,000 करोड़ रुपये से घटकर 4,000 करोड़ रुपये रह गया है। पीएलआई स्कीम के जरिए इस सेक्टर में निवेश आ रहा है और टेक्नोलॉजी में सुधार हो रहा है।

इनपुट: आईएएनएस

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