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चिप मैनुफैक्चरिंग में भारत अगले पांच साल में बनेगा ताकत, घटेगा इन देशों का दबदबा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने माइक्रोन और टाटा सहित चार खिलाड़ियों को 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 03, 2024 18:13 IST, Updated : Mar 03, 2024 18:14 IST
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव।- India TV Paisa
Photo:FILE केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव।

भारत में चिप मैनुफैक्चरिंग को लेकर सरकार की कोशिशें अब धीरे-धीरे जमीनी स्तर पर आती दिख रही हैं। सरकार ने हाल ही में तीन सेमीकंडक्टर आने वाले समय के लिए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत अपनी डिजाइन क्षमता और 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहनों के साथ अगले पांच साल में ग्लोबल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक मजबूत ताकत बनकर उभरेगा। भाषा की खबर के मुताबिक, वैष्णव ने कहा कि ग्लोबल विनिर्माता भारत में नए फैब और इकाइयां स्थापित करने के लिए आकर्षित होंगे और इस क्षेत्र में ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों का दबदबा कम होगा।

ग्लोबल कंपनियां चाहती हैं भारत में निवेश

खबर के मुताबिक,वैष्णव ने कहा है कि वैश्विक कंपनियों की सोच अब बदल रही है और वे भारत में जल्द निवेश करना चाहती हैं। बेहतर तरीके से तैयार नीतियों की वजह से विनिर्माता यहां नई फैब (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र) इकाइयां लगाना चाहते हैं। ऐसे में वे संबद्ध क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आवश्यक कलपुर्जा है। इसका इस्तेमाल वाहनों से लेकर कंप्यूटर, मोबाइल फोन और यहां तक कि वॉशिंग मशीन में भी होता है। भारत में पहले से दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वाहन कंपनियों मसलन रेनो-निसान से लेकर हुंदै के कारखाने हैं।

76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया

इसके अलावा यहां कंप्यूटर कंपनियों डेल के अलावा एप्पल के आपूर्तिकर्ता भी मौजूद हैं। इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां सैमसंग की भी यहां मौजूदगी है। अब भारत तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण में विनिर्माण मूल्य चेन का विस्तार करना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने माइक्रोन और टाटा सहित चार खिलाड़ियों को 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। वैष्णव ने कहा कि डिजाइन प्रतिभाओं का एक-तिहाई भारत में है। भारत अब खुद को चीन के स्थान पर एक लोकतांत्रिक और भरोसेमंद प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में पेश कर रहा है।

बड़ा सेमीकंडक्टर खिलाड़ी नए सिरे से विचार करना चाहता है

वैष्णव ने कहा कि उनका दृढ़ मत है कि आज हर बड़ा सेमीकंडक्टर खिलाड़ी अपनी निवेश योजना पर नए सिरे से विचार करना चाहता है और भारत आना चाहता है। इसकी वजह सावधानी से तैयार की गई नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपनी डिजाइन क्षमता पर आगे बढ़ेगा। इस क्षेत्र में देश के पास पहले से ही अंतर्निहित और साबित क्षमता है। वैष्णव ने कहा कि प्रस्तावित फैब (चिप फैब्रिकेशन संयंत्र) और तीन एटीएमपी (असेंबली और परीक्षण) इकाइयों के साथ भारत के पास अब सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंत्री ने कहा कि लोग पहले सोचते थे कि हमें भारत कब जाना चाहिए या क्या हमें भारत जाना चाहिए.अब वे पूछ रहे हैं कि हम कितनी जल्दी भारत जाएं. यही बदलाव है, जो आज हो रहा है।

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