सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने गैस सप्लाई के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। आपको बता दें कि आईओसी ने केजी-डी6 से निकलने वाली गैस के लिए आयोजित हालिया नीलामी में रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी के गठजोड़ की तरफ से पेश प्राकृतिक गैस का एक तिहाई से अधिक हिस्सा हासिल कर लिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस ब्लॉक से पिछले सप्ताह नीलाम हुई 40 लाख मानक घन मीटर गैस में से आईओसी को प्रतिदिन 14.5 लाख मानक घन मीटर गैस मिली। तेल शोधन और विपणन कंपनी आईओसी इस ब्लॉक से गैस की पिछली दो नीलामी में भी लीडिंग बोलीदाता थी। उसने इस बार उर्वरक संयंत्रों एक ‘एग्रीगेटर’ के रूप में बोली लगाई।
टॉरेंट गैस और गुजरात गैस को भी सफलता
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि टॉरेंट गैस और गुजरात गैस जैसी शहरी गैस वितरण कंपनियों ने वाहनों को सीएनजी की बिक्री और घरों तक पाइप से रसोई गैस पहुंचाने के लिए कुल 22.1 लाख मानक घन मीटर गैस का अधिकार हासिल किया है। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात गैस ने पांच लाख मानक घन मीटर, टॉरेंट गैस ने 4.5 लाख मानक घन मीटर, अडाणी टोटल गैस लिमिटेड ने 2.9 लाख मानक घन मीटर, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और महानगर गैस लिमिटेड ने तीन लाख मानक घन मीटर गैस खरीद का अधिकार हासिल किया है। इस नीलामी में गैस खपत वाले सभी क्षेत्रों- उर्वरक, शहरी गैस वितरण, रिफाइनरी और ‘एग्रीगेटर्स’ ने शिरकत की।
24 नवंबर को आयोजित की गई थी नीलामी
कुल 38 सफल बोलीदाताओं ने 24 नवंबर को हुई इस नीलामी के माध्यम से गैस हासिल की। रिलायंस और उसके ब्रिटिश साझेदार बीपी के गठजोड़ ने कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉक से 40 लाख मानक घन मीटर गैस की बिक्री के लिए यह नीलामी आयोजित की थी। इस नीलामी के तहत एक दिसंबर से गैस आपूर्ति की जाएगी। इस गठजोड़ ने इस साल अप्रैल में भी 60 लाख मानक घन मीटर गैस की बिक्री की थी। यह गठजोड़ केजी-डी6 ब्लॉक में गैस क्षेत्रों से लगभग 2.9-3.0 करोड़ मानक घन मीटर का उत्पादन करता है।