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वैश्विक संघर्षों के चलते फल-फूल रहा नागपुर का 'बम बाजार', 3 महीने में हुई 900 करोड़ की बंपर सेल

डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि आन वाले समय में यह मांग और बढ़ेगी। जिस तरह से वैश्विक हालात बन रहे हैं, उसको देखते हुए दुनियाभर के देश अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हथियार खरीद रहे हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 21, 2024 12:04 IST, Updated : Oct 21, 2024 12:28 IST
Explosion- India TV Paisa
Photo:FILE विस्फोट

वैश्विक संघर्षों के बीच नागपुर में विस्फोटक बनाने वाली कंपनियों की चांदी हो गई है। 3 महीने में कंपनियों ने 900 करोड़ रुपये के विस्फोटक बेचे हैं। वहीं, 3,000 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, नागपुर की विस्फोटक कंपनियों के खरीदार में रूस, यूक्रेन जैसे देश नहीं बल्कि बुल्गारिया, स्पेन, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, वियतनाम, पोलैंड, ब्राजील और यहां तक ​​कि सऊदी अरब शामिल हैं। सबसे अधिक मांग वाले गोला-बारूद में हॉवित्जर तोपों से दागे जाने वाले 155 मिमी कैलिबर के गोले और 40 मिमी कंधे से दागे जाने वाले रॉकेट शामिल हैं। पिछले तीन महीनों में, अनौपचारिक रूप से भारत की विस्फोटक राजधानी के रूप में जाना जाने वाला नागपुर का बाजार 900 करोड़ रुपये के गोले, रॉकेट और अन्य बम भेज चुका है। वहीं, कच्चे विस्फोटक पाउडर के लिए 3,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी मिला है। नागपुर से निर्यात की जाने वाली सूची में बम और ग्रेनेड नई श्रेणी के रूप में उभरे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से जून तक अकेले नागपुर से 770 करोड़ रुपये के बम निर्यात किए गए हैं। अगली तिमाही के आंकड़े अभी शामिल किए जाने हैं।

किन कंपनियां को मिल रहे ऑर्डर 

लिस्टेड कंपनियों और मिड साइज की सब्डियरी कंपनियों से लेकर नई रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तक, ऑर्डरों की बारिश हो रही है। दूसरे देशों के खरीदार अंतिम उपयोग प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं और इनके आधार पर भारतीय निर्माता बेचने के लिए सरकारी लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं। शीर्ष हथियार उद्योग के सूत्रों ने कहा कि भू-राजनीतिक समीकरणों के कारण कुछ देशों को निर्यात पर प्रतिबंध है। चूंकि देश अंतिम उपयोग प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं, इसका मतलब है कि ये हथियार उनके अपने उपभोग के लिए हैं। निर्माताओं ने यहां कहा कि आधिकारिक तौर पर, भारतीय सैन्य उद्योग युद्ध से मुनाफाखोरी नहीं कर रहा है। 

आन वाले समय में यह मांग और बढ़ेगी

कंपनियां के अनुसार, गोले और रॉकेट जैसे गोला-बारूद के अलावा, हाई एनर्जी रॉ-मटेरियल्स की भी वैश्विक स्तर पर बहुत मांग है। नागपुर की कंपनियां, जिनमें यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL) और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) शामिल हैं, इन भारी निर्यात ऑर्डरों को पूरा कर रही हैं। डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि आन वाले समय में यह मांग और बढ़ेगी। जिस तरह से वैश्विक हालात बन रहे हैं, उसको देखते हुए दुनियाभर के देश अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हथियार खरीद रहे हैं। 

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