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कोरोना महामारी के चलते दो साल में इन देशों को हो गया तगड़ा नुकसान, आपको परेशान कर देगी ये रिपोर्ट

ADB की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि Covid-19 महामारी ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गरीबी के खिलाफ लड़ाई को कम से कम दो साल पीछे कर दिया है।

Indiatv Paisa Desk Written By: Indiatv Paisa Desk
Published on: August 24, 2022 18:14 IST
Corona- India TV Paisa
Photo:FILE Corona

Highlights

  • कोविड-19 महामारी के कारण गरीबी के खिलाफ लड़ाई दो साल पिछड़ गई
  • करीब 152 रुपये से कम में गुजर-बसर करने को अत्यधिक गरीबी की स्थिति में माना जाता है
  • गरीबों और कमजोर लोगों को कोविड-19 से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

मार्च 2020 के बाद से पूरी दुनिया उस विभीषिका का सामना कर रहा है, जिसने इससे पहले न तो इसके बारे में सुना न देखा। इस महामारी ने पूरी दुनिया को पहली थमने पर मजबूर कर दिया। विकसित देश तो इस संकट के बाद उठ खड़े हुए, लेकिन विकासशील और गरीब देशों की हालत पतली है। बीते 2 साल में कई अर्थव्यवस्था दीवालिया हो चुकी हैं। 

भारत जिस दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में है, वहां आर्थिक दुर्दशा का हाल काफी खराब है। कोविड-19 महामारी के कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र अत्यधिक गरीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में दो साल पिछड़ गया है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट कहती है कि यदि कोविड-19 महामारी का प्रकोप न होता, तो एशिया प्रशांत क्षेत्र में अत्यधिक गरीबी के स्तर में इस साल तक जो कमी आई है, वह लक्ष्य 2020 में ही हासिल हो जाता। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह कोविड-19 महामारी के कारण इस क्षेत्र में गरीबी के खिलाफ लड़ाई दो साल पिछड़ गई। यह रिपोर्ट बुधवार को जारी हुई। प्रतिदिन 1.90 डॉलर (करीब 152 रुपये) से कम में गुजर-बसर करने को मजबूर लोगों को अत्यधिक गरीबी की स्थिति में माना जाता है। एडीबी की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गरीबी के खिलाफ लड़ाई को कम से कम दो साल पीछे कर दिया है। 

मनीला मुख्यालय वाली बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के लिए अब अत्यधिक गरीबी से बाहर आना, पहले की तुलना में कठिन होगा। एडीबी ने कहा कि महामारी ने गरीबी में कमी के प्रयासों को बाधित किया है और विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में सुधार को बावजूद प्रगति असमान बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि महामारी ने गरीबी की स्थिति को और खराब कर दिया है। खासतौर से खाद्य असुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा शिक्षा तक लोगों की पहुंच पर्याप्त नहीं है। 

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा, ‘‘गरीबों और कमजोर लोगों को कोविड-19 से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अब, जबकि अर्थव्यवस्थाएं ठीक हो रही हैं, तो कई लोगों को लग सकता है कि गरीबी से बाहर निकलना पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सरकारों को सभी के लिए अधिक संतुलित आर्थिक अवसर और अधिक सामाजिक गतिशीलता मुहैया कराने के लिए प्रयास करने चाहिए। 

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