Highlights
- सदीय समिति ने स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत पर चिंता जताई
- देरी के चलते भारत 5G की इस दौड़ में काफी पिछड़ सकता
- रिपोर्ट में 5जी सेवाओं को लागू करने में देरी पर चिंता व्यक्त की
नयी दिल्ली। एक संसदीय समिति ने स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत पर चिंता जताते हुए बुधवार को सरकार से दूरसंचार परिचालकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उचित ध्यान देने और 5जी सेवाओं को जल्दी शुरू करने को कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी को लॉन्च करने में देरी के चलते भारत इस दौड़ में काफी पिछड़ सकता है।
लोकसभा सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में 5जी सेवाओं को लागू करने में देरी पर चिंता व्यक्त की।
समिति ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों ने इस प्रौद्योगिकी को लागू करने में उल्लेखनीय प्रगति की है और ऐसे में देरी से देश 5जी के विभिन्न लाभों से वंचित रहेगा। समिति की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वक्त की मांग है कि भारत में कुछ विशिष्ट उपयोग के लिए 5जी सेवाओं को शुरू किया जाना चाहिए।
हालांकि, समिति को इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिख रही है। इसलिए, समिति दोहराती है कि विभाग को 5जी से संबंधित अपनी सभी नीतियों की समीक्षा करने की जरूरत है, ताकि देश 5जी की दौड़ में पीछे न रह जाए।’’
समिति ने पाया कि देश में 5जी स्पेक्ट्रम की कीमत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक है और प्रति व्यक्ति और एआरपीयू (प्रति ग्राहक औसत कमाई) जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण की समीक्षा करने की आवश्यकता है। समिति ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को 5जी स्पेक्ट्रम पर अपनी सिफारिशों में तेजी लानी चाहिए, ताकि 5जी नीलामी जल्द से जल्द हो सके।