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PM Gati Shakti: 500 करोड़ से अधिक की सभी परियोजनाओं को अब 'पीएम गतिशक्ति' के तहत मंजूरी लेनी होगी

संशोधित प्रारूप में यह जानकारी मांगी जाएगी कि परियोजना में क्या लॉजिस्टिक्स और ढांचागत संपर्क से जुड़ी चीजें हैं और क्या एनपीजी ने इसकी जांच कर ली है।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published : May 22, 2022 16:23 IST
Inftra - India TV Paisa
Photo:FILE

Inftra 

PM Gati Shakti: लॉजिस्टिक्स और संपर्क (कनेक्टिविटी) से जुड़े बुनियादी ढांचे से संबंधित 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं को अब 'पीएम गतिशक्ति' पहल के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) से मंजूरी लेनी होगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। व्यय विभाग के 28 अप्रैल को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी)/प्रत्यायोजित निवेश बोर्ड (डीआईबी) के लिए परियोजना प्रस्तावों के संदर्भ में संशोधित फॉर्मेट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पीआईबी/डीआईबी ज्ञापन का संशोधित प्रारूप 28 अप्रैल, 2022 या उसके बाद मिलने वाले सभी नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर लागू होगा। 

प्रभावी और कुशल तरीके से काम करने में मदद मिलेगी 

संशोधित प्रारूप में यह जानकारी मांगी जाएगी कि परियोजना में क्या लॉजिस्टिक्स और ढांचागत संपर्क से जुड़ी चीजें हैं और क्या एनपीजी ने इसकी जांच कर ली है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच भी बनाया है। पीएम गतिशक्ति योजना की घोषणा पिछले साल विभागीय ‘कोठरी’ को तोड़ने और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक समग्र और एकीकृत नियोजन लाने के उद्देश्य से की गई थी। इसका मकसद बहु-मॉडल और अंतिम छोर तक संपर्क के मुद्दे को हल करना है। अधिकारी ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स की लागत नीचे आएगी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक प्रभावी और कुशल योजना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एक एकीकृत बुनियादी ढांचा नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) का गठन भी किया गया है जिसमें संपर्क से जुड़े विभिन्न विभागों/मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। योजना और प्रस्तावों के एकीकरण के लिए एनपीजी में नेटवर्क योजना प्रभाग के प्रमुख शामिल हैं।

 राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच बना

अधिकारी ने कहा, हमने राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच बनाया है। हमने संबंधित लोगों को प्रशिक्षण दिया है और अब हमारे पास वित्त मंत्रालय से यह अनिवार्य व्यवस्था है। इसलिए अब सभी लॉजिस्टिक्स एवं संपर्क परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के आधार पर ही मंजूरी मिलेगी। 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं पर एनपीजी द्वारा विचार किया जाएगा। डीपीआईआईटी ने विभिन्न सरकारी विभागों के साथ कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं और राज्यों में क्षेत्रीय सम्मेलनों का भी आयोजन किया है। सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एनपीजी के दायरे में आएंगी। तकनीकी समर्थन के लिए भी एक इकाई बनाई गई है। अधिकारी ने बताया कि विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) बनाने से पहले सभी विभागों को एनपीजी के पास आना होगा। एनपीजी की मंजूरी के बाद परियोजना को सामान्य प्रक्रिया के तहत वित्त मंत्रालय और मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी। 

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