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भारत में जूतों के लिए आने वाला है नया कानून, जानिए जुलाई से बदलेंगे कौन से नियम

भारत में जूतों के लिए एक नया कानून आने वाला है। सरकार जुलाई से फुटवियर से संबंधित नए नियम लागू करने जा रही है। इससे आम लोगों को घटिया क्वालिटी के जूतों से​ निजात मिलेगी।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: January 21, 2023 12:28 IST
Quality norms for leather, non-leather footwear- India TV Paisa
Photo:FILE Quality norms for leather, non-leather footwear

देश में अब चमड़े और गैर चमड़े से बने जूते चप्पलों के लिए अब नया कानून आने जा रहा है। इसके तहत सरकार घटिया क्वालिटी के जूता-चप्पल (फुटवियर) के आयात पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी। नया नियम जुलाई से लागू होगा जिसमें चमड़ा और गैर-चमड़ा वाले जूता-चप्पल के लिए गुणवत्ता के मानक तय किए जाएंगे। 

क्या होगा फायदा

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार यह कदम दोयम दर्जे के उत्पादों के आयात को रोकने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठा रही है। बेहतर गुणवत्ता और ज्यादा उत्पादन के लिए बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का पालन करना होता है। इससे उपभोक्ताओं को भी अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं। उन्होंने उद्योग जगत से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी पाने के लिए गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कहा। 

घटिया क्वालिटी के जूतों के नियात से परेशान इंडस्ट्री

मंत्री ने कहा, ''चमड़ा और गैर-चमड़ा फुटवियर के लिए गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था (क्यूसीओ) एक जुलाई 2023 से लागू होगी। अगर उद्योग जगत के हितधारक आयात के दौरान कीमत कम दिखाने जैसे तथ्य और आंकड़े उपलब्ध कराते हैं तो सरकार कार्रवाई करेगी।'' गोयल ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन और ज्यादा क्षमता समय की जरूरत है। मंत्री ने कम गुणवत्ता वाले और कम कीमत वाले कच्चे माल के आयात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे निपटने की जरूरत है।

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