Highlights
- एंड्रॉयड या एप्पल स्मार्टफोन में मॉस्क्विटो रैपेलेंट एप्स मौजूद हैं
- दावा है कि इनका प्रयोग करने से मच्छर आपके आसपास नहीं फटकते
- WHO की अफ्रीकी वेबासाइट ने एप को मॉस्क्विटो रैपलेंट में मददगार माना
Mosquito Repellent app: ’मच्छर’ वास्तव में इंसान का सबसे पुराना शत्रु है। आपके कान के पीछे भिनभिनाता मच्छर मानव सभ्यता से पहले से इस धरती पर मौजूद है। मच्छर की पैदाइश कितनी पुरानी है, इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि मच्छर के जीवाश्म में डायनासॉर का डीएनए प्राप्त हुआ है। मच्छर का डंक सिर्फ आपकी नींद खराब ही नहीं करता बल्कि यह मलेरिया, डेंगू जैसी कई जानलेवा बीमारियों का भी कारण बनता है। इंसान सदियों से बीमारी फैलाने वाले क्यूलेक्स, एनोफ्रलीज़, एडीज़ या डेंगू जैसी मच्छर की प्रजातियों से लड़ रहा है। इसी मच्छर की लड़ाई में मदद करने के लिए आज मॉक्विटो रैपेलेंट का करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा हो गया है।
आज के जमाने में जब पूरी दुनिया डिजिटल हो रही है, इंसान के हाथ में मौजूद स्मार्टफोन हर मर्ज की दवा बन रहा है, तो क्या आपका स्मार्टफोन मच्छर से मुकाबले में भी आपका साथ निभा सकता है? आज के समय में एंड्रॉयड या एप्पल स्मार्टफोन में मॉस्क्विटो रैपेलेंट एप्स मौजूद हैं जो दावा करते हैं कि इनका प्रयोग करने से मच्छर आपके आसपास नहीं फटकते हैं। हालांकि इन एप्स की सफलता पर रिसर्चर्स से लेकर यूजर्स की राय अलग अलग है।
क्या है इन एप्स का दावा
इंसान की सुनने की क्षमता 20 से 20000 हर्टज तक की ध्वनि को सुनने की होती है। इससे कम तीव्रता की ध्वनि को अल्ट्रा सोनिक वेव कहते हैं। ये एप्स इसी तथ्य पर काम करती हैं। ये एप्स 14 से 18 किलो हर्टज के बीच साउंड वेव पैदा करती हैं। इन एप्स का दावा है कि इस लो फ्रिक्वेंसी के साउंड मच्छर जैसे जीव सुन सकते हैं। ऐसे में यह साउंड मच्छरों को दूर रखने में कारगर है।
Apple से लेकर Android पर मौजूद हैं Apps
स्मार्टफोन की दुनिया में दो एप स्टोर सबसे प्रचलित हैं, पहला एंड्रॉयड का गूगल प्ले स्टोर और दूसरा एप्पल आईफोन का एप स्टोर। पहले एप्पल स्टोर की बात करें तो यहां करीब एक दर्जन एप्स मौजूद हैं तो मच्छर भगाने का दावा करती हैं। एप्पल स्टोर पर एंटी मॉस्क्विटो रैपेलेंट साउंड नाम से एक एप है, जिसे 5 में से 4.3 की रेटिंग मिली है। इसके अलावा अल्ट्रासोनिक एंटी पेस्ट एंड इंसेक्ट, एंटी मॉक्विटो साउंड वेव, सोनिक पिच साउंड जेनेरेटर जैसी कई एप्स यहां मौजूद हैं। अब एंड्रॉयड का रुख करें तो यहां पर भी मॉस्क्विटो अलर्ट जैसे एप्स मौजूद हैं।
कितनी कारगर हैं Mosquito Repellent app
हमने इन एप्स को डाउनलोड किया, करीब 1 सप्ताह यूज किया। हमें इनसे कोई फर्क नहीं पड़ा। लेकिन ये एप्स एकदम फालतू या फर्जी हैं, अभी हम ऐसा कहने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि हम कुछ पैमानों पर इन एप्स को माप सकते हैं जैसे इन साउंडवेव पर हुई रिसर्च और एप स्टोर पर यूजर्स के रिव्यू। एप स्टोर पर इन एप्स को अधिक संख्या में रिव्यू नहीं मिले हैं, लेकिन इनकी रेटिंग काफी अच्छी है। इन एप्स की सत्यता जांचने का दूसरा तरीका है साउंडवेव को लेकर हुई रिसर्च। वास्तव में ये एप्स जिस साउंडवेव तकनीक के आधार पर मच्छर भगाने का दावा करती हैं, उसे किसी भी रिसर्च में पुख्ता नहीं किया गया है।
WHO ने अफ्रीका के लिए दी है सलाह
दुनिया भर में स्वास्थ्य से जुड़ी सर्वोच्च संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन की अफ्रीका केंद्रित वेबासाइट पर ग्लोबल इनोवेशन के पेज पर एक एप को मॉस्क्विटो रैपलेंट में मददगार माना है। इसमें एक एप का लिंक दिया गया है, और बताया गया है कि यह एप मच्छर भगाने में मददगार है। लेकिन यह एप किसी भी वैध प्लेस्टोर पर मौजूद नहीं है। इसकी एपीके फाइल की लिंक दी गई है। ऐसे में इस लिंक की प्रमाणिकता की जांच नहीं हो पाई है।
क्या यूज करें ये एप्स
अंत में सवाल उठता है कि एप्पल या गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद इन एप्स को मच्छर भगाने में यूज किया जाए कि नहीं? इंडिया टीवी द्वारा इन एप्स को रिव्यू करने पर ये असरकारक नहीं लगीं। वहीं एंड्रॉयड फोन में इन एप्स को डाउनलोड करने पर बेमतलब के लिंक और विज्ञापन की बाढ़ आने लगी। जिससे आपके फोन पर मालवेयर के अटैक का भी खतरा रहता है। ऐसे में हमारा मानना है कि इन एप्स का प्रयोग न करें तो ही बेहतर है।