केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वो भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) को एक नया कंसल्टेशन पेपर भेजे ताकि टेलीकॉम क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता आज की तुलना में तीन से चार गुना बढ़ाई जा सके। बुधवार को यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि आने वाले वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र में और सुधार होंगे, लेकिन साथ ही, उन्होंने उद्योग से सेवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर अपना काम करने का आह्वान किया।
80 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य
मंत्री ने आगे कहा कि 5जी की यात्रा बहुत रोमांचक होने वाली है और कई देशों को तो 40 से 50 फीसदी कवरेज तक पहुंचने में कई साल लग गए। लेकिन हम बहुत ही आक्रामक तरीके से चल रहे हैं और सरकार ने कम समय सीमा में 80 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य रखा है जिसे समय सीमा के अनुसार हासिल किया जाना चाहिए।
वैश्विक स्तर की होगी 5 जी सेवा
केंद्रीय संचार मंत्रालय के मुताबिक, यह सेवा अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। सरकार ने इसके लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में संशोधन कर दिया है। ताकि कंपनियों को टावर लगाने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में लागत कम हो सके। सरकार के इस फैसले से कोई भी राज्य केबल बिछाने और और पोल लगाने का अधिक शुल्क कंपनियों से नहीं वसूल पाएगा। आरओडब्ल्यू को निगरानी के लिए पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ दिया गया है। ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी समस्त प्रक्रिया की ऑनलाइन मंजूरी मिल सके। पहले इसके लिए स्थानीय निकायों से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिसमें अधिक समय लग जाता था। अब 15 दिनों में समस्त कार्यों की मंजूरी मिल जाएगी।
सुविधा के साथ रोजगार भी मिलेगा
5 जी सेवा शुरू होन के साथ ही रोजगार भी मिलेगा। आगामी दो से तीन वर्षों में 5जी सेवा को पूरे देश में फैलाने का लक्ष्य रखा गया है। आरंभ में इसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में शुरू किया जाएगा। सरकार ने अब तक 5जी में 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। आगे दूर संचार क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान तैयार है। इस दौरान देश के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। कंपनियां अभी से ही नियुक्तियां शुरू कर चुकी हैं। ताकि 5 जी सेवा में तेजी लाई जा सके।