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एयरपोर्ट की तरह डेवलप होंगे उत्तर प्रदेश के ये 5 बस अड्डे, जानें उन Bus अड्डों के नाम

सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ इन 5 बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर पीपीपी मॉडल पर सुविधायुक्त बनाने और संवारने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को एक हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: March 17, 2023 7:01 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Paisa
Photo:FILE प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर संवारने की योजना बनाई है। पीपीपी मॉडल पर पहले चरण में 23 बस अड्डों का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिए प्राइवेट डेवलपर्स को चुने जाने की प्रक्रिया जारी है। इनमें 5 बस अड्डों के लिए प्राइवेट डेवलपर्स को लगभग फाइनल कर लिया गया है और मुख्यमंत्री की अंतिम मुहर लगने के बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा। जिन 5 बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किए जाने के लिए डेवलपर्स का चयन लगभग तय कर लिया गया है, उनमें कौशांबी बस स्टेशन, लखनऊ विभूति खंड बस स्टेशन, प्रयागराज सिविल लाइंस बस स्टेशन, पुराना गाजियाबाद बस स्टेशन और आगरा फोर्ट बस स्टेशन शामिल हैं। इन बस स्टेशंस के आधुनिकीकरण के लिए ओमेक्स, एसपीजी बिल्डर्स समेत कई अन्य बिल्डर्स की बिड शामिल रही है।

1000 करोड़ रुपये का निवेश मिला था

सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ इन 5 बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर पीपीपी मॉडल पर सुविधायुक्त बनाने और संवारने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) को एक हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इस निवेश के माध्यम से इन पांचों स्थानों पर दो हजार से अधिक प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। जल्द ही बाकी बचे बस अड्डों के लिए डेवलपर्स को फाइनल किए जाने की कार्यवाही को पूर्ण कर लिया जाएगा।

इस माह तक काम शुरू होने की उम्मीद 

विभाग को 16 फरवरी को समाप्त हुई बिड प्रक्रिया के माध्यम से निवेश के कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें वो निवेशक भी सम्मिलित हैं जिन्होंने यूपीजीआईएस में प्रस्ताव दिए थे। सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने फिलहाल पांच डेवलपर्स को बस अड्डों के निर्माण के संबंध में फाइनल कर लिया है। मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज और फिर कैबिनेट के अप्रूवल के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि इस माह के अंत तक उन्हें एलओआई भी जारी कर दिया जाएगा।

5 बस अड्डों के लिए इतने करोड़ का बजट 

इनके माध्यम से जो निवेश प्रस्ताव मिले हैं उनके अनुसार कौशांबी बस स्टेशन को 245 करोड़ रुपए, लखनऊ विभूति खंड में 307 करोड़ रुपए, प्रयागराज सिविल लाइंस में 276 करोड़ रुपए, पुराना गाजियाबाद बस स्टेशन में 114 करोड़, जबकि आगरा फोर्ट बस स्टेशन में 22 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इन प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन इस पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है। बाकी अन्य बस स्टेशंस के लिए डेवलपर्स को चुने जाने और एग्रीमेंट की प्रक्रिया अभी गतिशील है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इस प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।

पेटीएम ने भी दिखाई है दिलचस्पी

यूपी रोडवेज के जीएम (आईटी) युजवेंद्र कुमार के अनुसार, जिन कंपनियों ने इस कैटेगरी में रुचि दिखाई है, उनमें एक कंपनी पेटीएम भी है जो प्रदेश में परिवहन विभाग के सहयोग से एनसीएमसी कार्ड लांच करना चाहती है। जैसे मेट्रो में मंथली कार्ड होते हैं जिससे बार-बार टिकट लेने की आवश्यक्ता नहीं होती, उसी तर्ज पर बस स्टेशन पर भी यह कार्ड काम करेंगे। पेटीएम से इस संबंध में विभाग की बातचीत चल रही है और जल्द एग्रीमेंट फाइनल होने की संभावना है। इसके अलावा एक अन्य कंपनी वृत्ति सॉल्यूशंस बस स्टेशंस पर डिस्प्ले पैनल लगाना चाहती है। वह विभाग की शर्तों के अनुसार विभिन्न स्थानों पर फ्री ऑफ सॉस्ट डिस्प्ले पैनल लगाएगी और इस पर एड के माध्यम से जो आय होगी उससे उसका खर्च निकलेगा। इनके साथ भी वार्ता चल रही है और जल्द एग्रीमेंट हो सकता है। इसी तरह एक कंपनी ओरियन प्रो से भी बातचीत चल रही है जो विभाग के आईटी सिस्टम में ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) लाना चाहती है। जिससे विभागीय कार्यकुशलता को बेहतर कर पाएंगे।

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