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‘लकीर के फकीर' ना बनें नियामक, ना हों जरूरत से ज्यादा सतर्क, उदय कोटक ने क्यों कहा ऐसा?

कोटक ने कहा कि 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए वृद्धि दर 7.5 से 8.0 प्रतिशत होनी चाहिए। दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा कानून है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Feb 21, 2024 11:25 pm IST, Updated : Feb 21, 2024 11:26 pm IST
उदय कोटक- India TV Paisa
Photo:FILE उदय कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और गैर-कार्यकारी निदेशक उदय कोटक ने बुधवार को कहा कि नियामक को ‘लकीर का फकीर’ और जरूरत से अधिक सतर्क नहीं होना चाहिए। हालांकि, उन्हें वित्तीय क्षेत्र में होने वाली ‘समस्याओं’ को लेकर तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। कोटक ने राष्ट्रीय राजधानी में आइमा (ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कोई भी दिक्कत नहीं हो, ऐसी नीति भी खतरनाक है। यदि आप तेजी से विकास करना चाह रहे हैं, तो अच्छे नियमों की आवश्यकता होगी। हमारे साथ कुछ ‘दुर्घटनाएं’ हो सकती हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उसे दुरुस्त करने के लिए कितनी तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं।’’

लकीर के फकीर ना बनें नियामक

उन्होंने कहा कि अतीत की घटनाओं के आधार पर नियामकों को लकीर का फकीर या जरूरत से ज्यादा सतर्क नहीं होना चाहिए, बल्कि एक बेहतर नियामकीय परिवेश होना चाहिए। कोटक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (PPBL) मामले पर कहा कि वह व्यक्तिगत कंपनी पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक आपसे और मुझसे ज्यादा जानता है।’’

RBI ने की थी पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई

भारतीय रिजर्व बैंक ने वन97 कम्युनिकेशंस लि. प्रवर्तित पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को अपने ग्राहक को जानें (KYC) दिशानिर्देशों सहित कई नियामक मानदंडों का पालन करने में विफल रहने पर कार्रवाई की है। आरबीआई ने पिछले सप्ताह पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों को 15 मार्च तक अपने खाते अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी। इससे संकटग्रस्त बैंक को अपने ज्यादातर कार्यों को बंद करने के लिए 15 दिन का और समय मिल गया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने पिछले कुछ वर्षों में नियामक के रूप में अभूतपूर्व काम किया है और कोरोना वायरस महामारी के बावजूद अच्छे वृहद आर्थिक प्रबंधन के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की है।

भारत बना निवेशकों का देश

कोटक ने कहा कि 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए वृद्धि दर 7.5 से 8.0 प्रतिशत होनी चाहिए। दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा कानून है लेकिन समाधान में बहुत समय लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब बचतकर्ताओं से निवेशकों का देश बन गया है और अधिक से अधिक लोग अपना अधिशेष धन म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में लगा रहे हैं।

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